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मोदी का भुज दौरा: भारत पर आंख उठाई तो बख्शा नहीं जाएगा, पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी
Jagran Desk

गुजरात के भुज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश और विदेश को एक सशक्त संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि भारत पर आंख उठाने वाले को किसी भी हालत में माफ़ नहीं किया जाएगा। पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए मोदी ने कहा, "सुख-चैन से जियो, अपनी रोटी खाओ, नहीं तो मेरी गोली तो है ही।"
पीएम मोदी दो दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने भुज में 53,400 करोड़ रुपए के 31 महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इनमें खावड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क की परियोजनाएं, तापी जिले का थर्मल पावर प्लांट, कांडला पोर्ट से जुड़े बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट शामिल हैं। साथ ही सड़क, पानी और बिजली की सुविधा बढ़ाने के लिए भी कई योजनाओं की शुरुआत हुई।
भुज में जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "कच्छ का पर्यटन आज विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है, जबकि पड़ोसी पाकिस्तान टेररिज्म को ही पर्यटन मानता है।" उन्होंने कच्छ की महिलाओं और माताओं की प्रशंसा की, जिन्होंने 1971 की जंग में अपनी बहादुरी से दुश्मनों को परास्त किया था। मोदी ने कहा कि कच्छ की जनता ने उन्हें "सिंदूर का पौधा" उपहार स्वरूप दिया है, जो अब प्रधानमंत्री आवास में वटवृक्ष के रूप में लगाया जाएगा।
मोदी ने बताया कि भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, जबकि पाकिस्तान के हालात चिंताजनक हैं। उन्होंने पाकिस्तान की जनता को संदेश दिया कि आतंकवाद के साये में रहना उनका नुकसान है और उसे छोड़कर शांति व समृद्धि की राह पकड़नी चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय सेना को आतंकवाद के खिलाफ खुली छूट दी गई है, जिससे आतंकियों के ठिकानों को प्रभावी ढंग से निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने गर्व से कहा, "हमने दिखा दिया है कि आतंकवादियों के ठिकानों को मिट्टी में मिला सकते हैं।"
भुज में मोदी ने जहाज निर्माण उद्योग को फिर से बढ़ावा देने की बात कही। मांडवी में जहाज निर्माण का परंपरागत महत्व है और अब इस क्षेत्र में आधुनिक तकनीक और निवेश से इसे पुनर्जीवित किया जाएगा।
नर्मदा नदी के पानी के कच्छ पहुंचने के बाद इस क्षेत्र की किस्मत पूरी तरह बदल गई है। मोदी ने कहा कि अब कच्छ के लोग अपने क्षेत्र में रोजगार पा रहे हैं और यहां के कृषि उत्पादों की पैदावार भी बेहतर हो गई है। रेगिस्तान से ऊर्जा का उत्पादन कर कच्छ ने देश के ऊर्जा मानचित्र पर अपनी एक खास जगह बनाई है।
प्रधानमंत्री ने कच्छ की कठिन परिस्थितियों में आत्मविश्वास के साथ विकास की कहानी को प्रेरणादायक बताया और कहा, "जब कच्छ में भूकंप आया था, तब भी मुझे भरोसा था कि यह क्षेत्र फिर से खड़ा होगा।"
मोदी ने कहा, "कच्छ को रण नहीं, बल्कि गुजरात का तोरण कहा जाना चाहिए।" उन्होंने नर्मदा के पानी के आगमन के दिन को कच्छ की दिवाली के रूप में याद किया।