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भारतीय ज्ञान विज्ञान को नई पहचान देने की दिशा में बड़ा कदम: पतंजलि विश्वविद्यालय और शिक्षा मंत्रालय के बीच समझौता
JAGRAN DESK

भारतीय सभ्यता की प्राचीन और वैज्ञानिक परंपराओं को आधुनिक शोध से जोड़ने की दिशा में पतंजलि विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। विश्वविद्यालय, पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन और भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के भारतीय ज्ञान प्रणाली प्रभाग (IKS Division) के बीच एक रणनीतिक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
यह समझौता हरिद्वार स्थित पतंजलि विश्वविद्यालय में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान कुलपति आचार्य बालकृष्ण और IKS प्रभाग के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धि की उपस्थिति में हुआ। इस समझौते के तहत पतंजलि विश्वविद्यालय को आधिकारिक "IKS केंद्र" के रूप में कार्य करने की मान्यता मिलेगी।
आचार्य बालकृष्ण ने इस अवसर पर बताया कि यह सहयोग भारतीय संस्कृति, दर्शन, आयुर्वेद, योग, संगीत, शिल्प, पुरातत्व, शासन प्रणाली, चिकित्सा और जीवनशैली से जुड़े प्राचीन ज्ञान को संरक्षित करने और आधुनिक संदर्भों में प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करेगा। साथ ही, विश्वविद्यालय आईकेएस प्रभाग के सहयोग से पांडुलिपियों, कलात्मक धरोहरों और ऐतिहासिक साक्ष्यों का डिजिटलीकरण, दस्तावेजीकरण और संरक्षण करेगा।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि पतंजलि विश्वविद्यालय IKS के अनुमोदन से भारतीय ज्ञान आधारित ऑनलाइन कोर्स और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू करेगा, जिससे युवा पीढ़ी को भारत की पारंपरिक बौद्धिक विरासत से जोड़ा जा सके।
प्रो. सहस्त्रबुद्धि ने कहा कि यह साझेदारी अनुसंधान, प्रयोगशाला विकास, संग्रहालय निर्माण और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय ज्ञान को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत नींव बनेगी। उन्होंने यह भी बताया कि IKS प्रभाग, पतंजलि विश्वविद्यालय के साथ मिलकर एक वैज्ञानिक प्रयोगशाला की स्थापना करेगा जो इतिहास, दर्शन और विज्ञान के परंपरागत सिद्धांतों को तकनीक के माध्यम से विश्वपटल पर लाने का काम करेगी।
कार्यक्रम में प्रो. जी. सूर्यनारायण मूर्ति (राष्ट्रीय समन्वयक, IKS), डॉ. मयंक अग्रवाल (प्रति-कुलपति, पतंजलि विश्वविद्यालय), डॉ. वेदप्रिया आर्या (प्रमुख, हर्बल रिसर्च डिविजन) सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
यह सहयोग भारत की वैदिक परंपरा और बौद्धिक धरोहर को वैश्विक पहचान देने की दिशा में एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी कदम माना जा रहा है।