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गुरुवार को भारी गिरावट के बाद शुक्रवार को बाजार की चाल इन पांच फैक्टर्स पर निर्भर
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पिछले कारोबारी दिन यानी गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली थी। सेंसेक्स 543 अंकों की गिरावट के साथ 82,184.17 पर बंद हुआ। सेंसेक्स की 30 में से 24 कंपनियों के शेयर लाल निशान में रहे। लेकिन गुरुवार की देर शाम भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) साइन होने की खबर ने शुक्रवार के लिए उम्मीदें जगा दी हैं।
आइए जानते हैं वो 5 प्रमुख फैक्टर्स जो शुक्रवार को बाजार की दिशा तय कर सकते हैं:
1. अमेरिकी बाजारों का प्रदर्शन
अमेरिकी शेयर बाजारों का असर हमेशा भारतीय बाजार पर पड़ता है। बीती रात अमेरिकी बाजार मिश्रित रहे। जहां डॉव जोन्स 0.70% गिरा, वहीं S&P 500 और नैस्डैक मामूली बढ़त के साथ रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए। टेक कंपनियों के बेहतर नतीजों ने निवेशकों को हिम्मत दी। खासतौर पर अल्फाबेट, एनवीडिया, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन के शेयरों में उछाल देखा गया।
2. भारत-यूके व्यापार समझौता
भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच हुई FTA डील से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे। यह करार करीब 34 बिलियन डॉलर के वार्षिक व्यापार को बढ़ावा देगा। इसका सकारात्मक असर आज भारतीय बाजार पर दिख सकता है, खासकर एक्सपोर्ट और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी कंपनियों पर।
3. कमोडिटी और क्रूड ऑयल कीमतें
कच्चे तेल की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी का असर भारतीय बाजार पर देखने को मिल सकता है। ब्रेंट क्रूड फिर से 84 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है, जिससे इनफ्लेशन और ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर असर पड़ सकता है।
4. रुपया-डॉलर एक्सचेंज रेट
भारतीय रुपये की मजबूती या कमजोरी विदेशी निवेशकों की धारणा पर असर डालती है। यदि डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता है, तो एफआईआई की बिकवाली तेज हो सकती है।
5. कॉर्पोरेट तिमाही नतीजे
अगस्त तिमाही के रिजल्ट सीजन की शुरुआत हो चुकी है। बड़ी कंपनियों के नतीजे और उनके आउटलुक निवेशकों की सोच को प्रभावित कर सकते हैं। टेक, बैंकिंग और ऑटो सेक्टर पर विशेष नजर रहेगी।
भारत-यूके FTA और अमेरिकी बाजारों की सकारात्मक चाल के कारण शुक्रवार को भारतीय बाजार में सुधार की उम्मीद की जा सकती है। लेकिन वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों और डॉलर के रुख जैसे जोखिम अभी भी मौजूद हैं। निवेशकों को सतर्कता से कदम रखने की सलाह दी जाती है।