- Hindi News
- बिजनेस
- अभी भी क्यों फायदेमंद है Old Tax Regime? जानिए 8 बड़े कारण
अभी भी क्यों फायदेमंद है Old Tax Regime? जानिए 8 बड़े कारण
Business News

आयकरदाताओं के सामने अक्सर यह सवाल खड़ा होता है कि नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) अपनाई जाए या फिर पुरानी व्यवस्था (Old Tax Regime) को ही जारी रखा जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आप निवेश और खर्च की समझदारी से प्लानिंग करते हैं, तो पुरानी टैक्स व्यवस्था आपके लिए अधिक लाभदायक साबित हो सकती है।
नई टैक्स व्यवस्था में दरें कम जरूर हैं, लेकिन छूट और कटौती के विकल्प बहुत सीमित हैं। इसके विपरीत, पुरानी व्यवस्था टैक्सपेयर्स को अनेक तरह की राहतें देती है। आइए जानते हैं वो 8 बड़े कारण जिनकी वजह से Old Tax Regime अब भी बेहतर मानी जा रही है।
1. निवेश और टैक्स बचत का डबल फायदा
पुरानी व्यवस्था न सिर्फ टैक्स बचाने का मौका देती है, बल्कि आपको निवेश के लिए भी प्रेरित करती है। सेक्शन 80C के तहत PPF, ELSS, लाइफ इंश्योरेंस और ट्यूशन फीस पर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती ली जा सकती है।
2. हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर राहत
मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर 25,000 रुपये और सीनियर सिटीजन माता-पिता के लिए 50,000 रुपये तक की छूट मिलती है। वहीं लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर भी 80C के तहत फायदा मिलता है।
3. NPS में अतिरिक्त छूट
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश करने पर 80CCD(1B) के तहत 50,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती उपलब्ध है, जो 80C की सीमा से अलग है।
4. HRA और LTA का लाभ
किराये के मकान में रहने पर HRA से बड़ी टैक्स बचत होती है। साथ ही LTA (लीव ट्रैवल अलाउंस) के जरिए भारत भ्रमण पर खर्च की गई राशि पर भी छूट मिल सकती है।
5. होम लोन से डबल फायदा
होम लोन पर ब्याज की 2 लाख रुपये तक की कटौती उपलब्ध है। इससे EMI का बोझ कम होता है और टैक्स बचत भी होती है।
6. पढ़ाई, बचत और दान पर भी छूट
एजुकेशन लोन पर ब्याज, सेविंग अकाउंट ब्याज (₹10,000 तक, सीनियर सिटीजन के लिए ₹50,000) और 80G के तहत दान पर भी टैक्स छूट मिलती है।
7. ज्यादा कटौती वालों के लिए परफेक्ट
अगर आप 80C, 80D, 80CCD, HRA और होम लोन जैसी कई कटौतियों के पात्र हैं, तो पुरानी व्यवस्था से आपकी कर योग्य आय बेहद कम हो सकती है। यह खासकर नौकरीपेशा और मिडिल क्लास लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है।
8. लंबी अवधि की बचत का मौका
हर साल की टैक्स बचत मिलकर लंबे समय में बड़ी पूंजी बना सकती है। पुरानी टैक्स व्यवस्था उन लोगों के लिए बेहतर है जो निवेश को लंबी अवधि के फंड में बदलना चाहते हैं।
नई व्यवस्था सरल है लेकिन उसमें राहतें सीमित हैं। जबकि पुरानी व्यवस्था टैक्स बचत, निवेश और भविष्य की सुरक्षा – तीनों ही मोर्चों पर मजबूत साबित होती है।