- Hindi News
- चुनाव
- बंगाल विधानसभा चुनाव: कम अंतर से हारी सीटों पर भाजपा का फोकस, तृणमूल के खिलाफ विशेष रणनीति तैयार
बंगाल विधानसभा चुनाव: कम अंतर से हारी सीटों पर भाजपा का फोकस, तृणमूल के खिलाफ विशेष रणनीति तैयार
Jagran Desk
2021 और 2024 के चुनावी आंकड़ों के विश्लेषण के बाद भाजपा ने 10 हजार से कम अंतर वाली सीटों को प्राथमिकता में रखा, विरोधी वोटों के ध्रुवीकरण पर जोर
पश्चिम बंगाल में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को चुनौती देने के लिए पार्टी ने उन विधानसभा क्षेत्रों पर विशेष रणनीति लागू करने का फैसला किया है, जहां पिछले चुनावों में जीत-हार का अंतर बेहद कम रहा था। भाजपा का मानना है कि सीमित अंतर से हारी इन सीटों पर केंद्रित प्रयास पार्टी को सत्ता के करीब ले जा सकते हैं।
क्या है भाजपा की रणनीति
भाजपा के राज्य नेतृत्व ने 2021 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के विधानसभा क्षेत्रवार नतीजों का विस्तृत विश्लेषण किया है। इसके तहत उन सीटों की पहचान की गई है, जहां भाजपा उम्मीदवारों की हार का अंतर 10 हजार वोट या उससे कम रहा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, ऐसे क्षेत्रों में संगठन को मजबूत करने, स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता देने और मतदाताओं से सीधा संवाद बढ़ाने की योजना बनाई गई है।
कब और क्यों लिया गया फैसला
लोकसभा चुनाव 2024 के बाद सामने आए आंकड़ों से यह स्पष्ट हुआ कि कई विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा का प्रदर्शन पहले की तुलना में बेहतर रहा। इसी पृष्ठभूमि में पार्टी ने यह रणनीतिक फैसला लिया। भाजपा नेताओं का मानना है कि यदि इन सीटों पर मामूली वोट शिफ्ट भी संभव हो पाया, तो चुनावी परिणाम पार्टी के पक्ष में जा सकते हैं।
कैसे साधे जाएंगे मतदाता
पार्टी तृणमूल कांग्रेस विरोधी मतदाताओं को एकजुट करने पर खास जोर दे रही है। भाजपा का आकलन है कि 2021 के चुनाव में कई क्षेत्रों में वाममोर्चा को मिले वोटों के कारण विपक्षी मत विभाजित हुए, जिसका फायदा तृणमूल को मिला। इस बार भाजपा इन मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने के लिए साझा मुद्दों, स्थानीय असंतोष और सरकार विरोधी भावनाओं को केंद्र में रखेगी।
पिछले चुनावों से क्या संकेत मिले
2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 77 सीटें जीतकर राज्य में मुख्य विपक्ष की भूमिका निभाई थी। वहीं, 2024 के लोकसभा चुनाव के विधानसभा क्षेत्रवार विश्लेषण में यह सामने आया कि करीब 90 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवारों ने तृणमूल कांग्रेस से अधिक वोट हासिल किए। हालांकि, राज्य में सरकार बनाने के लिए 148 सीटों का आंकड़ा जरूरी है, जिसे ध्यान में रखते हुए पार्टी अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे रही है।
आगे की स्थिति
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, भाजपा की यह रणनीति पूरी तरह आंकड़ों और जमीनी फीडबैक पर आधारित है। आने वाले महीनों में उम्मीदवार चयन, संगठनात्मक विस्तार और जनसंपर्क अभियानों से यह साफ होगा कि यह योजना कितनी कारगर साबित होती है। बंगाल की राजनीति में यह रणनीति चुनावी मुकाबले को और दिलचस्प बना सकती है।
