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”अकेले लड़ने की हिम्मत है”: सीट बंटवारे से पहले चिराग पासवान की LJP ने दिखाया दम
Bihar Elections

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर एनडीए में घमासान मचा है। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने 40 सीटों की मांग के साथ अपना दबदबा दिखाना शुरू कर दिया है। पार्टी का दावा है कि उनके पास अकेले चुनाव लड़ने की भी पूरी ताकत है, और 'चिराग फैक्टर' बिहार की दिशा तय करेगा
बिहार में चुनावी तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इस बार भी मुकाबला पार्टियों से ज्यादा गठबंधनों के बीच दिख रहा है—महागठबंधन बनाम एनडीए। वहीं एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है। चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 40 सीटों की मांग के साथ कड़ा रुख अपना रही है।
चिराग पासवान ने अपने पिता और पार्टी संस्थापक रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए कहा कि वह 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' विजन को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सीटों के अलावा एलजेपी राज्यसभा और विधान परिषद की भी सीट की मांग कर रही है, साथ ही कुछ खास विधानसभा क्षेत्रों पर भी पार्टी की नजर है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वेद प्रकाश पांडे ने 'चिराग फैक्टर' को लेकर बड़ा दावा करते हुए कहा कि LJP का स्ट्राइक रेट 100% रहा है और पार्टी के पास अकेले चुनाव लड़ने की भी क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि 2025 का चुनाव बिहार की दिशा और दशा को नया मोड़ देगा।
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी और जेडीयू के बीच लगभग 100-100 सीटों पर सहमति बनती दिख रही है, जिसमें जेडीयू को एक अतिरिक्त सीट दी जा सकती है। लेकिन चिराग की पार्टी और जीतन राम मांझी की पार्टी हम (से) सीट बंटवारे से फिलहाल असंतुष्ट हैं। मांझी कम से कम 20 सीटें चाहते हैं, जबकि उन्हें 10 से भी कम मिल सकती हैं।
2015 में एलजेपी को 43 सीटें मिली थीं, जब जेडीयू एनडीए में शामिल नहीं थी। 2020 में चिराग पासवान ने गठबंधन से बाहर रहते हुए जेडीयू को बड़ा नुकसान पहुंचाया था, भले ही एलजेपी सिर्फ एक सीट जीत पाई।
अब देखना यह होगा कि क्या एनडीए चिराग को मनाने में कामयाब होती है या फिर एलजेपी वाकई अकेले मैदान में उतरने का जोखिम उठाएगी