बढ़ते पॉल्यूशन से कितनी राहत दिला पाएगा योग, इसे करने के लिए कौन-सा वक्त बेस्ट?

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दिवाली के दौरान पराली और पटाखे जलाने के कारण एयर की क्वालिटी काफी ज्यादा खराब हो जाती है. जिसके कारण कई सारी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. योग के जरिए कंट्रोल में रख सकते हैं.

दिवाली के दौरान पराली और पटाखे जलाने के कारण एयर की क्वालिटी काफी ज्यादा खराब  हो जाती है. जिसके कारण कई सारी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पॉल्यूशन के कारण लंग्स पर काफी बुरा असर होता है. इसके कारण खांसी, घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ सहित कई खतरनाक बीमारियों से जूझना पड़ सकता है. आज हम आपको बताते हैं कि किस तरह से योग के जरिए आप इससे निजात पा सकते हैं.  एयर पॉल्यूशन में सांस की नली को साफ रखना है तो आप फेफड़ों से जुड़ योग कर सकते हैं. योग श्वसन मार्ग को साफ करने और प्रदूषकों और सूक्ष्मजीवों के भार को कम करने में मदद कर सकता है.

योग, हज़ारों साल पुरानी टेक्निक है. जिसमें कई आसन और प्राणायाम तकनीकें हैं जो फेफड़ों की क्षमता में सुधार कर सकती हैं. अध्ययनों ने फेफड़ों के लिए योग के कई लाभों की पुष्टि की है और कहा है कि योग के दौरान नियंत्रित सांस लेने से चिंता कम हो सकती है. आराम को बढ़ावा मिल सकता है और ब्लड सर्कुलेशन में अधिक ऑक्सीजन मिल सकती है.

योग करने के फायदे

फेफड़ों के फंक्शन में सुधार करता है: योग फेफड़ों की क्षमता और कार्य को बेहतर बना सकता है. और कचरा जम गए वायुमार्गों को खोलने में मदद कर सकता है.

सूजन को कम करता है: योग सूजन को कम करने और प्रतिरक्षा में सुधार करने में मदद कर सकता है.

विश्राम को बढ़ावा देता है: योग चिंता को कम कर सकता है और विश्राम को बढ़ावा दे सकता है.

ऑक्सीजन बढ़ाता है: योग आपके रक्तप्रवाह में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ा सकता है.

कुछ योग आसन और प्राणायाम तकनीकें जो प्रदूषण से निपटने में मदद कर सकती हैं, उनमें शामिल हैं:-

उष्ट्रासन (ऊंट मुद्रा)

छाती और गले को खींचता है, और श्वसन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है

भुजंगासन (कोबरा मुद्रा)

सिर उठाए हुए कोबरा की मुद्रा की नकल करता है, और आपके श्वसन तंत्र पर प्रदूषण के प्रभावों का मुकाबला करने के लिए फायदेमंद है

शीर्षासन (सिर के बल पर खड़ा होना)

शरीर के गुरुत्वाकर्षण को उलट देता है, जो मस्तिष्क और फेफड़ों में रक्त और ऑक्सीजन के बेहतर संचार को बढ़ावा देता है.

कपालभाति

एक तेज़ सांस लेने का अभ्यास जिसमें नाक से ज़ोर से सांस छोड़ना शामिल है

अनुलोम विलोम

इसे वैकल्पिक नासिका श्वास के रूप में भी जाना जाता है, यह एक शांत प्राणायाम तकनीक है

भस्त्रिका

एक तेज़ और शक्तिशाली सांस लेने की तकनीक जिसमें ज़ोर से सांस लेना और छोड़ना शामिल है

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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