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पाकिस्तानी सेना का आरोप: इमरान खान राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा, मानसिक रूप से बीमार
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ISPR ने कहा, इमरान गद्दारों की भाषा बोल रहे हैं और देश के खिलाफ नरेटिव तैयार कर रहे हैं; ढाई साल से जेल में बंद
पाकिस्तान की सेना ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को “मानसिक रूप से बीमार” करार देते हुए उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि खान जेल से बाहर राजनीतिक नरेटिव तैयार कर देश और सेना के खिलाफ माहौल बना रहे हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने इमरान खान को ऐसा व्यक्ति बताया जो संविधान से ज्यादा अपने व्यक्तिगत फायदे को प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा, “एक व्यक्ति सोचता है कि अगर वो नहीं है, तो कुछ भी नहीं। वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन चुका है।” उन्होंने सेना और राज्य के बीच किसी भी तरह की दरार बनने की इजाजत न देने की चेतावनी दी।
यह बयान नए चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज हेडक्वार्टर के उद्घाटन के तुरंत बाद शुक्रवार को इस्लामाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आया।
लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने कहा कि खान जेल में रहते हुए भी लोगों से मिलकर और ट्वीट्स के माध्यम से सेना और राज्य के खिलाफ नरेटिव बना रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि किस कानून के तहत एक कैदी जनता से मिलकर सुरक्षा संस्थाओं के खिलाफ माहौल बना सकता है। चौधरी ने राजनीतिक दलों को चेताया कि वे अपनी राजनीति में सेना को न घसीटें और संस्थाओं के अधिकारों का सम्मान करें।
इमरान खान अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य कानूनी मामलों की सुनवाई चल रही है। ढाई साल की हिरासत के दौरान उनके समर्थक अक्सर पाकिस्तान की सड़कों पर प्रदर्शन करते रहे हैं। हाल ही में उनकी बहन अलीमा खानुम ने भी सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर कट्टरपंथी होने का आरोप लगाया और कहा कि इमरान भारत के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखना चाहते थे।
सेना के इस बयान से पाकिस्तान में राजनीतिक और सैन्य तनाव बढ़ने की संभावना है। इमरान खान समर्थक इसे राजनीतिक दमन और उनके व्यक्तित्व पर हमला मान सकते हैं। वहीं सेना का दावा है कि खान का नरेटिव देश की स्थिरता और सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर रहा है। इससे पाकिस्तान में लोकतांत्रिक और सैन्य संस्थाओं के बीच पुराने मतभेद फिर उभर सकते हैं।
देश में इमरान खान के समर्थक और विरोधी दोनों ही इस बयान पर प्रतिक्रिया देंगे। राजनीतिक हलकों में उनके भविष्य और जेल में स्थितियों पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान बढ़ सकता है। सेना ने स्पष्ट किया है कि किसी भी व्यक्ति को सुरक्षा संस्थाओं और जनता के बीच दरार डालने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
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