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पंचांग: बैकुंठ चतुर्दशी पर बन रहे शुभ योग, शिव-विष्णु पूजा का दुर्लभ अवसर
Dharm, Desk
                                                 कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि आज बैकुंठ चतुर्दशी के पावन पर्व के रूप में मनाई जा रही है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की विशेष उपासना करने से गृहस्थ सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।
आज के दिन दो महत्वपूर्ण शुभ योग—सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग—साथ-साथ बन रहे हैं। कहा जाता है कि इन योगों के प्रभाव में किए गए धार्मिक कार्य अत्यंत फलदायी सिद्ध होते हैं।
आज का विस्तृत पंचांग
| विवरण | समय/तिथि | 
|---|---|
| संवत | 2081 (विक्रम) | 
| माह | कार्तिक | 
| पक्ष | शुक्ल | 
| तिथि | चतुर्दशी | 
| वार | मंगलवार | 
| नक्षत्र | रेवती | 
| योग | वज्र | 
| करण | गर | 
| चंद्र राशि | मीन | 
| सूर्य राशि | तुला | 
| सूर्योदय | 06:45 AM | 
| सूर्यास्त | 06:00 PM | 
| चंद्रोदय | 04:30 PM | 
| चंद्रास्त | 06:08 AM (5 नवंबर) | 
राहुकाल एवं अशुभ समय
| अवधि | समय | 
|---|---|
| राहुकाल | 03:11 PM – 04:35 PM | 
| यमगंड | 10:58 AM – 12:22 PM | 
शुभ कार्य इस दौरान न करें।
आज का ज्योतिषीय संकेत
चंद्रमा मीन राशि और रेवती नक्षत्र में रहेंगे। यह नक्षत्र सौम्य, धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृत्ति का माना जाता है। आज ध्यान-साधना, दान, धार्मिक संकल्प और नई व्यावसायिक योजनाओं की रूपरेखा बनाने के लिए उपयुक्त समय है।
धार्मिक महत्व
-   
बैकुंठ चतुर्दशी पर शिव-विष्णु आराधना का विशेष फल
 -   
बिल्वपत्र, तुलसी, दीपदान और जलाभिषेक शुभ
 -   
व्रत, जाप और दान-पुण्य से पापों का क्षय और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है
 
