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पंचांग: वृश्चिक संक्रांति पर बना शुभ योगों का दुर्लभ संयोग, द्वि पुष्कर-सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग आज
Dharm, Desk
आज मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि पर कई शुभ योगों का संगम हो रहा है। रविवार के इस पावन दिन वृश्चिक संक्रांति, द्वि पुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग के प्रभाव से पूरे दिन का समय श्रेष्ठ माना जा रहा है। धर्म-कर्म, उद्योग, शिक्षा और नए कार्यों की शुरुआत के लिए आज विशेष रूप से अनुकूल अवसर बन रहा है।
आज ही उत्पन्ना एकादशी का पारण भी है, इसलिए व्रतधारियों के लिए यह दिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। शुभ ग्रह शुक्र के अधिकार वाली यह तिथि दान-पुण्य और पवित्र संकल्पों के लिए अत्यंत उत्तम मानी गई है।
आज का विस्तृत पंचांग — 16 नवंबर 2025, रविवार
विक्रम संवत: 2081
मास: मार्गशीर्ष
पक्ष: कृष्ण पक्ष
दिन: रविवार
तिथि: द्वादशी
योग: विष्कुंभ
नक्षत्र: हस्त
करण: कौलव
चंद्र राशि: कन्या
सूर्य राशि: तुला
सूर्योदय: 06:53 AM
सूर्यास्त: 05:55 PM
चंद्रोदय: 04:02 AM (17 नवंबर)
चंद्रास्त: 03:04 PM
राहुकाल: 04:32 PM – 05:55 PM
यमगंड: 12:24 PM – 01:46 PM
आज क्यों है इतना खास?
आज के दिन तीन शुभ योग—द्वि पुष्कर, सर्वार्थ सिद्धि, और अमृत सिद्धि योग—एक साथ बन रहे हैं। ये योग किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत को सफल बनाते हैं। वृश्चिक संक्रांति के कारण सूर्य के राशि परिवर्तन का प्रभाव भी पूरे दिन शुभता को बढ़ाता है।
किस कार्य के लिए शुभ है आज का दिन?
चंद्रमा आज कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में गतिशील रहेंगे। यह नक्षत्र चिकित्सा, तकनीकी, कौशल, शिक्षा, विश्लेषणात्मक कार्यों और उद्योग की शुरुआत के लिए अनुकूल माना जाता है।
आज आप निम्न कार्य आसानी से कर सकते हैं:
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नई योजनाओं की शुरुआत
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उद्योग / व्यापार से संबंधित प्रयास
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शिक्षा से जुड़ी शुरुआत
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यात्रा प्रारंभ करना
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खेल और फिटनेस गतिविधियाँ
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सौंदर्य व विलासिता से जुड़े कार्य
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मित्रों से मिलना या नए संपर्क बनाना
आज किस समय से बचें?
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राहुकाल: 04:32 PM – 05:55 PM
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यमगंड, गुलिक, दुमुहूर्त और वर्ज्यम् के समय भी शुभ कार्यों से दूरी रखें।
