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मध्यप्रदेश में किसानों को बड़ी राहत: अब घर-घर पहुंचेगी खाद, ई-टोकन प्रणाली के तहत 5 किमी रेंज में होम डिलीवरी शुरू
Bhopal, MP
विदिशा, शाजापुर और जबलपुर में पायलेट प्रोजेक्ट लॉन्च; बुकिंग के समय ही मिलेगी होम डिलीवरी सुविधा, खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों को बड़ी मदद
मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। लंबे समय से खाद की किल्लत और लंबी कतारों से परेशान किसानों को अब उर्वरक सीधे घर पर पहुंचाने की सुविधा मिलेगी। ई-टोकन उर्वरक वितरण प्रणाली के अंतर्गत 5 किलोमीटर की परिधि में खाद की होम डिलीवरी शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। यह सुविधा फिलहाल विदिशा, शाजापुर और जबलपुर में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की जा रही है।
क्या है नई व्यवस्था और कैसे मिलेगी खाद
नई व्यवस्था के तहत किसान जब उर्वरक के लिए ई-टोकन बुक करेंगे, उसी समय वे होम डिलीवरी विकल्प का चयन भी कर सकेंगे। इसके बाद विभाग की ओर से अधिकृत वाहन किसानों के खेत या घर के नजदीक तय पते पर खाद पहुंचाएंगे। इस प्रक्रिया से न सिर्फ भीड़ कम होगी, बल्कि किसानों के समय और श्रम की बचत भी होगी।
क्यों जरूरी पड़ी यह पहल
पिछले कई हफ्तों से प्रदेश के कई जिलों में खाद की कमी की खबरें लगातार सामने आ रही थीं। किसानों को सुबह-सुबह लाइन में लगने के बाद भी खाद नहीं मिल पा रही थी। कुछ स्थानों पर महिलाएं भी घंटों लाइन में खड़ी रहने को मजबूर थीं। सरकार और प्रशासन के दावों के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हो रहा था। ऐसे में यह होम डिलीवरी मॉडल किसानों के लिए बड़ा राहत कदम माना जा रहा है।
कहाँ शुरू हो रहा पायलेट प्रोजेक्ट और कब लागू होगी बड़ी योजना
राज्य कृषि विभाग ने बताया कि पायलट फेज में विदिशा, शाजापुर और जबलपुर का चयन किया गया है। यहां मॉडल के सफल होने के बाद इसे प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, परीक्षण चरण में किसानों की प्रतिक्रिया, डिलीवरी समय, और सप्लाई चेन सिस्टम का मूल्यांकन किया जाएगा।
सरकार की प्रतिक्रिया और आगे की रणनीति
कृषि विभाग का कहना है कि यह कदम खाद वितरण में पारदर्शिता लाएगा और कालाबाजारी पर भी रोक लगेगी। विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में वितरण प्रक्रिया को और डिजिटल और सुगम बनाने के लिए अतिरिक्त उपाय किए जा सकते हैं।
इस बीच, किसानों ने नई व्यवस्था का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यदि यह प्रणाली प्रभावी तरीके से चली तो खेती के सीजन में होने वाली सबसे बड़ी परेशानियों में से एक खत्म हो जाएगी।
नई व्यवस्था पब्लिक इंटरेस्ट स्टोरी के रूप में पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है और किसानों के लिए इसे बड़ी राहत माना जा रहा है। यह कदम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचारों के बीच भारत के कृषि क्षेत्र में डिजिटल सुधार का अहम उदाहरण भी माना जा रहा है।
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