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पंचांग: विघ्नेश्वर चतुर्थी पर करें गणपति आराधना, जानें शुभ-अशुभ समय और राहुकाल
Dharm, Desk
आज बुधवार, 24 दिसंबर 2025 को पौष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है।
यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है और इसे विघ्नेश्वर चतुर्थी कहा जाता है। पंचांग के अनुसार चतुर्थी रिक्ता तिथि मानी जाती है, इसलिए आज विवाह, गृहप्रवेश, नामकरण जैसे मांगलिक कार्यों से बचना चाहिए। हालांकि, गणपति पूजन, जप-तप और विघ्न निवारण की कामना के लिए यह दिन विशेष फलदायी माना गया है।
आज का पंचांग (24 दिसंबर 2025)
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विक्रम संवत: 2082
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मास: पौष
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पक्ष: शुक्ल
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तिथि: चतुर्थी
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वार: बुधवार
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योग: हर्षण
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नक्षत्र: श्रवण
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करण: विष्टि
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चंद्र राशि: मकर
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सूर्य राशि: धनु
सूर्य-चंद्र समय
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सूर्योदय: सुबह 07:17 बजे
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सूर्यास्त: शाम 06:00 बजे
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चंद्रोदय: सुबह 10:16 बजे
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चंद्रास्त: रात 09:26 बजे
आज का राहुकाल और वर्जित समय
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राहुकाल: दोपहर 12:38 से 01:59 बजे तक
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यमगंड: सुबह 08:37 से 09:58 बजे तक
इस अवधि में नए कार्य, लेन-देन या यात्रा आरंभ करने से बचना शुभ माना जाता है। साथ ही गुलिक काल, दुमुहूर्त और वर्ज्यम् में भी सावधानी रखें।
नक्षत्र का प्रभाव
आज चंद्रमा मकर राशि में और श्रवण नक्षत्र में स्थित हैं। यह नक्षत्र गतिशील और शुभफलदायी माना जाता है।
इस नक्षत्र में—
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यात्रा करना
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वाहन चलाना
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खरीदारी
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मित्रों से मिलना
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अस्थायी प्रकृति के कार्य
अनुकूल माने गए हैं।
विघ्नेश्वर चतुर्थी पर क्या करें?
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सुबह स्नान के बाद श्री गणेश की पूजा करें
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दूर्वा, मोदक, लड्डू अर्पित करें
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“ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जप करें
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जीवन और कार्यों में आ रही बाधाओं के निवारण की प्रार्थना करें
रिक्ता तिथि होने के कारण आज नए और बड़े शुभ कार्य टालना बेहतर रहेगा।
आज का दिन गणपति उपासना, आत्मचिंतन और योजना बनाने के लिए उत्तम है। मांगलिक कार्यों से विराम लेकर यदि श्रद्धापूर्वक विघ्नेश्वर गणेश की आराधना की जाए, तो आने वाले समय में सफलता और शांति का मार्ग प्रशस्त होता है।
