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खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में गटका ने मचाई धूम, महाराष्ट्र को मिला पहला पदक
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खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में पारंपरिक खेल गटका ने अपना जोरदार प्रदर्शन दिखाया, खासकर महाराष्ट्र ने इस खेल में पहला पदक जीतकर इतिहास रच दिया। गटका, जो सिख परंपरा से गहरे रूप से जुड़ा हुआ है,
अब खेलो इंडिया जैसे बड़े आयोजनों और सरकार के समर्थन से देशभर में फैलता जा रहा है। गटका की उत्पत्ति छठे सिख गुरु, गुरु हरगोबिंद जी से मानी जाती है, और पहले यह केवल गुरुद्वारों में खेला जाता था, लेकिन अब यह एक प्रमुख खेल बन चुका है।
गया के आईआईएम कैंपस में बुधवार का दिन गटका के लिए खास था, जब इस खेल के सभी छह स्वर्ण पदक दांव पर थे। मॉक ड्रिल के साथ-साथ इस खेल के आयोजनों में विद्यार्थियों, कोचों और दर्शकों का उत्साह देखते ही बनता था। गटका में खिलाड़ी लकड़ी की छड़ी (सोटी) और ढाल (फर्री) का उपयोग करते हुए अपने विरोधियों को मात देने की कोशिश करते हैं, और अधिकतम अंक प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
महाराष्ट्र की कोच आरती चौधरी ने इस खेल के महाराष्ट्र में बढ़ते प्रभाव के बारे में बताया कि गटका का महाराष्ट्र में विशेष रूप से "मरदानी" रूप प्रचलित है, और इस खेल को तेजी से लोकप्रिय बनाने में सरकार का भी योगदान है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन ने इस खेल को नई पहचान दी है, और यह राज्य भर में तेजी से फैल रहा है।
बिहार के मिडिल स्कूल शिक्षक रवि रोशन ने भी इस आयोजन को लेकर अपने विचार साझा किए और बताया कि उनका उद्देश्य बच्चों को पारंपरिक खेलों से जोड़ना है। उन्होंने यह भी कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेज़बानी से बिहार के खेल क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी और इस राज्य में गटका को लेकर बेहतर प्रदर्शन होने की उम्मीद है।
इसके अलावा, ज़ैनब परवीन जैसे छात्र भी गटका देखने के बाद इसे अपनाने के लिए प्रेरित हुए। बिहार ने इस खेल में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल पांच पदक जीते, जिनमें एक रजत और चार कांस्य शामिल हैं। यह सफलता बिहार के लिए भविष्य में बड़ी उपलब्धियों का संकेत देती है, और इसे खेल के क्षेत्र में और अधिक सफलता मिलेगी।