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पाट जात्रा के साथ बस्तर दशहरा 2025 का शुभारंभ, मां दंतेश्वरी के दरबार में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
Jagdalpur, CG

हरियाली अमावस्या के पावन अवसर पर मां दंतेश्वरी मंदिर परिसर में पारंपरिक पाट जात्रा पूजा के साथ ही विश्वविख्यात बस्तर दशहरा 2025 की आधिकारिक शुरुआत हो गई।
यह आयोजन पूरे 75 दिनों तक चलेगा, जो न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि बस्तर की सांस्कृतिक पहचान का जीवंत प्रमाण भी है।
क्या है पाट जात्रा?
पाट जात्रा बस्तर दशहरा का प्रथम और अत्यंत पवित्र आयोजन है, जिसमें रथ निर्माण के लिए आवश्यक औजारों की पूजा की जाती है। इसे मां दंतेश्वरी की अनुमति के प्रतीक के रूप में माना जाता है।
इस वर्ष भी परंपरा के अनुसार ठुरलू खोटला सहित अन्य औजारों की विधिपूर्वक पूजा कर पर्व की विधिवत शुरुआत की गई।
शुभारंभ में शामिल हुए जनप्रतिनिधि और पारंपरिक समाजजन
इस मौके पर बस्तर सांसद एवं दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप, जगदलपुर विधायक किरण देव, महापौर संजय पांडे, मांझी-चालकी, पुजारी, गायता, नाईक-पाईक और हज़ारों की संख्या में आम श्रद्धालु शामिल हुए। पूरा माहौल भक्ति, आस्था और उत्साह से सराबोर था।
बस्तर दशहरा 2025: प्रमुख आयोजन तिथियां
तिथि आयोजन
05 सितंबर (शुक्रवार) डेरी गड़ाई पूजा
21 सितंबर (रविवार) काछनगादी पूजा
22 सितंबर (सोमवार) कलश स्थापना
23 सितंबर (मंगलवार) जोगी बिठाई
24-29 सितंबर नवरात्रि पूजा व रथ परिक्रमा
30 सितंबर (मंगलवार) महाअष्टमी व निशा जात्रा
01 अक्टूबर (बुधवार) कुंवारी पूजा व मावली परघाव
02 अक्टूबर (गुरुवार) भीतर रैनी व रथ परिक्रमा
03 अक्टूबर (शुक्रवार) बाहर रैनी पूजा
04 अक्टूबर (शनिवार) काछन जात्रा व मुरिया दरबार
05 अक्टूबर (रविवार) कुटुम्ब जात्रा (देवी-देवताओं की विदाई)
07 अक्टूबर (मंगलवार) मावली माता की डोली विदाई
संस्कृति, श्रद्धा और परंपरा का अनूठा संगम
बस्तर दशहरा किसी एक धर्म या समुदाय तक सीमित न होकर आदिवासी परंपराओं, दंतेश्वरी आस्था और जन सहभागिता का ऐसा अद्वितीय उदाहरण है, जो देश-विदेश के श्रद्धालुओं और शोधकर्ताओं को भी आकर्षित करता है।