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भारत माला घोटाला: ACB-EOW ने 20 अफसरों पर मारा छापा
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बहुचर्चित भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाले में छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ ACB और EOW की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार सुबह से रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, नया रायपुर, अभनपुर और अन्य जिलों में करीब 20 अधिकारियों के ठिकानों पर एक साथ दबिश दी गई।
जिन अधिकारियों के यहां छापेमारी हुई, उनमें तत्कालीन SDM निर्भय साहू, तहसीलदार शशिकांत कुर्रे, अतिरिक्त तहसीलदार लखेश्वर राम, पटवारी और राजस्व निरीक्षक शामिल हैं। टीम को छापेमारी के दौरान कैश, ज्वेलरी, जमीनों के फर्जी दस्तावेज और कई अहम रिकॉर्ड मिले हैं। जांच अभी जारी है और विस्तृत जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी।
महंत की शिकायत के बाद पीएमओ हरकत में
यह कार्रवाई नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत की शिकायत के बाद शुरू हुई है। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को पत्र लिखकर मुआवजा घोटाले की शिकायत की थी। PMO ने इस पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया, जिसकी पुष्टि स्वयं डॉ. महंत ने की है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि जल्द ही इस मामले में CBI जांच की घोषणा भी हो सकती है।
क्या है भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाले का मामला?
भारतमाला योजना के अंतर्गत रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर में जमीन अधिग्रहण को लेकर भारी घोटाला सामने आया है। 43 करोड़ रुपए से अधिक की अनियमितता की पुष्टि हुई है। आरोप है कि कुछ अफसरों ने भू-माफियाओं के साथ मिलकर जमीन को टुकड़ों में बांटकर, बैक डेट में दस्तावेज तैयार कर 78 करोड़ का भुगतान दिखाया जबकि वास्तविक मुआवजा केवल 29.5 करोड़ रुपए होना चाहिए था।
जमीन को बांटा, फर्जी नाम जोड़े और मुआवजा बढ़ाया गया
अभनपुर के ग्राम नायकबांधा और उरला में माफियाओं ने 159 खसरे तैयार करवाए और 80 नए फर्जी नामों को रिकॉर्ड में जोड़ दिया। परिणामस्वरूप 559 मीटर जमीन की कीमत 29.5 करोड़ से बढ़कर 78 करोड़ तक पहुंच गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, एक ही परिवार की 4 एकड़ जमीन को 14 लोगों के नाम पर बांट दिया गया और उन्हें 70 करोड़ का मुआवजा दे दिया गया।
NHAI ने भी जताई थी आपत्ति, मुआवजा रोक दिया गया
इस घोटाले पर NHAI की टीम ने भी आपत्ति जताई थी, जिसके बाद मामले की जांच रिपोर्ट राजस्व विभाग के सचिव को सौंपी गई और फिलहाल 78 करोड़ रुपए का मुआवजा रोक दिया गया है।
परिजनों ने किया विरोध, अफसरों के बयान लिए जा रहे हैं
बिलासपुर में अतिरिक्त तहसीलदार लखेश्वर राम के घर जब छापा मारा गया तो परिजनों ने इसका विरोध किया। बावजूद इसके जांच टीम ने दस्तावेज जब्त किए और अफसरों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
कई अफसर पहले ही सस्पेंड, कार्रवाई की आंच और बढ़ सकती है
इस घोटाले में पहले ही डिप्टी कलेक्टर शशिकांत कुर्रे और जगदलपुर निगम कमिश्नर रहे निर्भय साहू को सस्पेंड किया जा चुका है। अब जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है और अन्य अफसरों पर भी गिरफ्तारी और निलंबन की तलवार लटक रही है।
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