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आजमगढ़ से दुर्ग पहुंची नशीली दवाओं की खेप: 2.5 हजार ट्रामाडोल कैप्सूल जब्त, 8 आरोपी गिरफ्तार
Durg, CG
                                                 उत्तर प्रदेश से ट्रेन में लाई जा रही थी प्रतिबंधित दवाएं; दुर्ग पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बड़ा खुलासा, एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज
दुर्ग पुलिस ने एक बार फिर प्रतिबंधित नशीली दवाओं के अवैध कारोबार का बड़ा नेटवर्क उजागर किया है। सोमवार देर रात खुर्सीपार और पद्मनाभपुर थाना क्षेत्रों में की गई संयुक्त कार्रवाई में पुलिस ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से करीब 2,415 नशीली ट्रामाडोल कैप्सूल जब्त किए। ये सभी आरोपी इन दवाओं को बेचने की फिराक में थे। पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
कहाँ और कब हुई कार्रवाई
कार्रवाई सोमवार रात दुर्ग-भिलाई क्षेत्र के खुर्सीपार और पद्मनाभपुर इलाकों में हुई। खुर्सीपार थाना क्षेत्र के आईटीआई ग्राउंड के पास नशीली दवाओं की बिक्री की सूचना मिलने पर पुलिस ने घेराबंदी की और छह संदिग्धों को पकड़ा। तलाशी के दौरान 2,044 नशीली कैप्सूल, 1,300 रुपए नकद, छह मोबाइल फोन, एक मोटरसाइकिल और एक टाइटन घड़ी बरामद की गई।
इसी तरह, पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र में रविशंकर स्टेडियम के पीछे मानस भवन के पास दो युवकों को नशीली दवाएं बेचने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया। दोनों के कब्जे से 371 ट्रामाडोल कैप्सूल, 1,110 रुपए नकद, एक एक्टिवा स्कूटी और दो मोबाइल फोन मिले।
कौन हैं आरोपी और कहाँ से लाई गई दवाएं
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि ये आरोपी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ट्रेन के माध्यम से प्रतिबंधित दवाएं दुर्ग तक पहुंचा रहे थे। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वे ट्रेन से दवाएं लाकर स्थानीय स्तर पर इन्हें बेचते हैं। खुर्सीपार के सभी छह आरोपी और पद्मनाभपुर के दोनों आरोपी — फैजान अहमद (29) निवासी केलाबाड़ी और साहिल कुमार यादव (18) निवासी शिक्षक नगर दुर्ग — लंबे समय से इस अवैध धंधे में शामिल बताए जा रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
दुर्ग पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गठित टीम ने दोनों थानों की समन्वित कार्रवाई की। पुलिस ने सभी आरोपियों को एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। अब इस नेटवर्क के यूपी कनेक्शन की गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि ये दवाएं आजमगढ़ से दुर्ग तक ट्रेन में बिना जांच के कैसे पहुंच रहीं हैं।
लगातार सामने आ रहा यूपी कनेक्शन
यह कोई पहला मामला नहीं है जब यूपी से नशीली दवाओं की तस्करी दुर्ग पहुंची हो। 8 अक्टूबर 2025 को भी पुलिस ने 10 हजार ट्रामाडोल कैप्सूल जब्त किए थे, जिनकी आपूर्ति बनारस से हुई थी। ताजा कार्रवाई से यह साफ है कि यूपी से छत्तीसगढ़ तक नशीली दवाओं का अवैध नेटवर्क लगातार सक्रिय है।
जनहित और सरकारी पहल
नशीली दवाओं का यह अवैध कारोबार न केवल युवाओं के लिए खतरा है, बल्कि समाज में अपराध की जड़ भी बनता जा रहा है। प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि ऐसे किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
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