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छत्तीसगढ़ में रेत माफियाओं पर ताबड़तोड़ कार्रवाई: 400 ट्रैक्टर रेत जब्त, तीन जिलों में चला प्रशासनिक अभियान
Bilaspur, CG
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छत्तीसगढ़ में अवैध रेत खनन पर शिकंजा कसते हुए प्रशासन ने कई जिलों में एक साथ बड़ी कार्रवाई की। बिलासपुर, धमतरी और जांजगीर-चांपा जिलों में रविवार और सोमवार को जिला प्रशासन ने अवैध रेत उत्खनन, परिवहन और भंडारण के खिलाफ संयुक्त छापेमारी अभियान चलाया। इस दौरान कुल 400 से अधिक ट्रैक्टर और 52 से अधिक भारी वाहन जब्त किए गए।
बिलासपुर: एक ही दिन में 85 जगहों पर रेड
बिलासपुर जिले में कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसएसपी रजनेश सिंह के नेतृत्व में खनिज टास्क फोर्स की इमरजेंसी मीटिंग के बाद सोमवार को 70 टीमें पूरे जिले में रवाना की गईं। सिविल लाइन, सरकंडा, मस्तूरी, बिल्हा और तखतपुर जैसे शहरी और ग्रामीण इलाकों में 85 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गई, जहां से भारी मात्रा में रेत और मशीनें जब्त की गईं।
इस दौरान 13 हाइवा, 34 ट्रैक्टर, 3 पोकलेन और 2 जेसीबी सहित कुल 52 वाहन सीज किए गए। हजारों घनमीटर रेत के अवैध भंडारण का भी खुलासा हुआ है।
धमतरी: रातभर चली छापेमारी, 200 ट्रैक्टर जब्त
धमतरी में एसडीएम पीयूष तिवारी की अगुवाई में लीलर और भरारी गांव में छापा मारा गया। यहां से लगभग 200 ट्रैक्टर रेत जब्त की गई। साथ ही 3 चैन माउंटेन मशीनें, 1 जेसीबी और 3 हाईवा वाहन भी कब्जे में लिए गए। प्रशासन ने साफ किया है कि यह कार्रवाई केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के 15 जून से रेत खनन पर रोक के निर्देश के बावजूद की जा रही अवैध गतिविधियों के खिलाफ की गई।
जांजगीर-चांपा: टास्क फोर्स एक्टिव, रेत उत्खनन पर पूर्ण प्रतिबंध
जांजगीर-चांपा में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में टास्क फोर्स की बैठक हुई, जिसमें 10 जून से 15 अक्टूबर तक रेत उत्खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करने का निर्णय लिया गया। जिले में महानदी और हसदेव नदी के चुनिंदा घाटों को छोड़कर किसी भी स्थान से खनन पर रोक है। प्रशासन ने माइनिंग सर्विलांस सिस्टम के तहत निगरानी और कोयला व गिट्टी परिवहन पर नियंत्रण के लिए विशेष दिशानिर्देश भी जारी किए हैं।
सरकार की सख्ती, माफियाओं में हलचल
छत्तीसगढ़ में लंबे समय से रेत माफियाओं की सक्रियता को लेकर शिकायतें सामने आ रही थीं। हाईकोर्ट की फटकार और जनदबाव के बाद राज्य सरकार ने अब इनपर शिकंजा कसने की रणनीति पर अमल शुरू कर दिया है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अब बिना अनुमति खनन, परिवहन और भंडारण करने वालों पर सीधे FIR दर्ज की जाएगी और आर्थिक दंड भी लगाया जाएगा।