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बीजापुर में नक्सल संगठन को बड़ा झटका: 25 इनामी माओवादी हुए सरेंडर, एक करोड़ के इनामी समेत कई बड़े नाम शामिल
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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में गुरुवार को नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। राज्य में सक्रिय माओवादी संगठन को करारा झटका देते हुए कुल 25 इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
इनमें से एक नक्सली पर एक करोड़ रुपए तक का इनाम घोषित था।
इन सभी ने बस्तर रेंज के IG पी. सुंदरराज और बीजापुर SP जितेन्द्र यादव के समक्ष आत्मसमर्पण किया। यह सरेंडर राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे पुनर्वास नीति और नक्सल विरोधी रणनीति की बड़ी सफलता माना जा रहा है।
बड़े सरेंडर: 1 करोड़ के इनामी 'रामन्ना ईरपा' ने छोड़ा हथियार
सबसे ज्यादा चर्चित नामों में रामन्ना ईरपा उर्फ जगदीश उर्फ विकेश का नाम शामिल है, जो ओडिशा राज्य कमेटी और SZC (Special Zonal Committee) का सदस्य है। उस पर 25 लाख का इनाम घोषित था, लेकिन केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक वह लगभग 1 करोड़ रुपए का संयुक्त इनामी था।
उसके अलावा, आठ लाख से लेकर पांच लाख तक के कई इनामी नक्सली भी सरेंडर करने वालों में शामिल हैं, जिनमें सुक्कू कलमू, बबलू माड़वी, प्रमिला, रीना वंजाम, कोसी मड़काम आदि शामिल हैं।
सरेंडर करने वाले माओवादियों की प्रोफाइल
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में शामिल हैं:
SZCM (1)
DVCM (2)
कंपनी PPCM (2)
बटालियन/कंपनी पार्टी सदस्य (3)
ACM (8)
एरिया कमेटी पार्टी सदस्य (2)
LOS सदस्य (4)
जनताना सरकार अध्यक्ष (1)
मिलिशिया कंपनी सदस्य (1)
जनताना सरकार उपाध्यक्ष (1)
इनमें से कई ने सालों तक जंगलों में नक्सली नेटवर्क का नेतृत्व किया है और कई बार सुरक्षाबलों से आमना-सामना कर चुके हैं।
सरकार की पुनर्वास नीति बनी बड़ा कारण
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों ने माना कि सरकार की पुनर्वास नीति, बढ़ती सुरक्षा घेरेबंदी और स्थानीय लोगों की भागीदारी के कारण अब जंगलों में टिकना मुश्किल हो रहा है। सरेंडर करने वाले सभी को सरकार द्वारा नियमानुसार आर्थिक सहायता, पुनर्वास और सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
IG सुंदरराज बोले: माओवादियों में डर और फूट
IG पी. सुंदरराज ने मीडिया को बताया कि, "नक्सली संगठन आंतरिक असंतोष, विचारधारा से मोहभंग और सुरक्षा बलों की लगातार घेराबंदी के चलते कमजोर हो रहा है। ये आत्मसमर्पण उसी प्रक्रिया का हिस्सा है।"