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VIDEO: भिलाई के सूर्या मॉल पर "पाकिस्तानी एयर फाइटर" का हमला! युद्धकालीन हालात में हुआ बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन – मॉक ड्रिल से मचा हड़कंप
Bhilai

मंगलवार शाम छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में युद्ध जैसी स्थिति का दृश्य उस समय सामने आया जब सेक्टर-6 स्थित सूर्या मॉल में पाकिस्तानी लड़ाकू विमान से "बम" गिराए जाने की सूचना ने लोगों की धड़कनें बढ़ा दीं।
हालांकि यह स्थिति वास्तविक नहीं, बल्कि एक हाई-अलर्ट मॉक ड्रिल का हिस्सा थी, जिसे युद्धकालीन आपात स्थिति से निपटने के प्रशिक्षण के रूप में आयोजित किया गया था।
बम गिरा, आग लगी और फंसे सैकड़ों लोग – फिर शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
इस मॉक ड्रिल के दौरान मान लिया गया कि पाकिस्तानी फाइटर प्लेन ने सूर्या मॉल को निशाना बनाते हुए बम गिराया। इस परिकल्पना के अनुसार मॉल में आग लग गई और धुएं के बीच सैकड़ों नागरिक फंस गए। इसके तुरंत बाद पुलिस, एनसीसी कैडेट्स, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग और सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर युद्धस्तर पर बचाव कार्य शुरू किया।
रेस्क्यू टीमों ने मॉल में घुसकर आग बुझाने और फंसे नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का रियल टाइम अभ्यास किया। यह मॉक ड्रिल न सिर्फ सुरक्षा बलों बल्कि आम नागरिकों के लिए भी एक रियलिस्टिक ट्रेनिंग का अनुभव था।
सायरन से शुरू, ब्लैकआउट से खत्म – पूरे शहर ने किया सहयोग
शाम 4 बजे पेट्रोल पंप के पास सायरन बजाकर मॉक ड्रिल की शुरुआत की गई। इसके बाद चौक-चौराहों पर एनसीसी कैडेट्स और वॉलेंटियर्स ज़मीन पर लेट गए ताकि आम नागरिकों को आपात स्थिति में कैसे व्यवहार करना है, इसकी जानकारी दी जा सके।
रात 7:30 से 7:45 बजे तक सेक्टर-1 और सेक्टर-9 में ब्लैकआउट मॉकड्रिल की गई, जिसमें बिजली की सभी लाइट्स, वाहन की हैडलाइट और दुकान-घरों की रोशनी बंद रखी गई। यह सब "रेड अलर्ट" और "ऑल क्लियर" सायरन के बीच हुआ।
8 अहम बिंदुओं पर आधारित रही मॉक ड्रिल की रूपरेखा:
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एयर रेड चेतावनी सायरन का अभ्यास
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आम लोगों को आत्म-सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित करना
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ब्लैकआउट के समय की रणनीतियों का रिव्यू
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संवेदनशील ठिकानों को सुरक्षित ढंग से छिपाना
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नागरिकों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाना
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रेस्क्यू और फायर टीमों का समन्वय
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इमरजेंसी कंट्रोल रूम की तैयारी की समीक्षा
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एयरफोर्स से रेडियो कम्युनिकेशन की कार्यशीलता की जांच
लोगों ने दिखाया अनुशासन और जागरूकता
इस हाई अलर्ट मॉक ड्रिल का उद्देश्य आम नागरिकों को वास्तविक आपदा की स्थिति में सतर्क और सजग बनाना था। प्रशासन के मुताबिक इस अभ्यास में आम जनता का सहयोग सराहनीय रहा।