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जेल की दीवारों के पीछे भी बंधा अपूरणीय प्यार, राखी पर बहनों ने जताया भाईयों के लिए अटूट समर्पण
जगदलपुर, CG

राखी का त्योहार जहां परिवारों में हर्षोल्लास लेकर आता है, वहीं जगदलपुर केंद्रीय जेल में भी इस साल भाई-बहन के अटूट रिश्ते ने एक नई उम्मीद जगाई। जेल की सख्त दीवारों के अंदर कैद भाइयों की कलाई पर बहनों ने राखी बांधकर परिवार के बंधन को मजबूती से थामा।
शामिल बहनों ने जेल परिसर में सुबह से देर शाम तक राखी बांधी, जहां करीब 75% कैदियों को अपनी बहनों का प्यार महसूस हुआ। हर बहन के आँसू और हर भाई की मुस्कान इस बात का सबूत थी कि सच्चा प्यार परिस्थितियों की कैद नहीं हो सकता।
एक कैदी, जो पिछले 11 सालों से सजायाफ्ता है, ने भावुक होकर कहा, "यह जेल ने मुझे नया जीवन दिया है। अब मेरा वादा है कि आज़ादी के बाद अपने परिवार की खुशियों का ख्याल रखूंगा।" उसकी बहन ने कहा, "हर साल जेल आकर राखी बांधती हूं, उसे याद दिलाने कि परिवार से जुड़ी ज़िम्मेदारियों से कभी दूर मत जाना।"
एक और बहन की आंखों में उमड़ते जज़्बात कह रहे थे कि "पहले घर की चौखट पर हम त्योहार मनाते थे, अब जेल की दीवारों के बीच भी हम भाई-बहन का प्यार जिंदा रख रहे हैं। मेरी कामना है कि अगली राखी हम घर मिलकर मनाएं।"
जेल अधीक्षक आरआर राय ने बताया कि इस बार राखी कार्यक्रम में सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। बहनों के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपने भाइयों से मिल सकें। भाई-बहनों को आमने-सामने बैठाकर राखी बांधने का आयोजन किया गया, जिससे कैदियों को दिल का सुकून मिला और रिश्तों की मिठास बरकरार रही।
यह राखी न केवल एक त्योहार थी, बल्कि एक सशक्त संदेश थी कि चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों, भाई-बहन का प्यार हर दीवार और दूरियों को पार कर जाता है।