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ITR फाइलिंग 2025: सैलरीड, व्यापारी, फ्रीलांसर या पेंशनभोगी – जानें आपके लिए कौन सा फॉर्म सही
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आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग का समय चल रहा है और सबसे बड़ी उलझन यही रहती है – कौन सा फॉर्म भरना सही रहेगा? आयकर विभाग ने अलग-अलग आय वर्ग और पेशे के अनुसार ITR-1 से लेकर ITR-7 तक फॉर्म तय किए हैं। अगर आप गलत फॉर्म चुनते हैं तो रिटर्न रिजेक्ट भी हो सकता है, इसलिए सही जानकारी बेहद जरूरी है।
किसके लिए कौन सा ITR फॉर्म?
1️⃣ ITR-1 (सहज)
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कौन भरें: भारत के निवासी, जिनकी कुल आय ₹50 लाख तक है।
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आय के स्रोत:
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वेतन / पेंशन
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एक मकान संपत्ति से आय
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अन्य स्रोत (ब्याज आदि)
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धारा 112A के तहत दीर्घकालिक पूंजी लाभ (₹1.25 लाख तक)
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2️⃣ ITR-2
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कौन भरें: व्यक्ति और HUF जिनकी आय में व्यवसाय या पेशे का लाभ/हानि शामिल नहीं है।
3️⃣ ITR-3
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कौन भरें: व्यक्ति और HUF जिनकी आय में व्यवसाय या पेशे का लाभ/हानि शामिल है।
4️⃣ ITR-4 (सुगम)
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कौन भरें: व्यक्ति, HUF, फर्म (LLP को छोड़कर) जो भारत में निवासी हैं और कुल आय ₹50 लाख तक है।
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श्रेणियां:
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व्यवसाय/पेशा (धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत अनुमानित आय)
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धारा 112A के तहत दीर्घकालिक पूंजी लाभ भी शामिल हो सकता है
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5️⃣ ITR-5
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कौन भरें: वे इकाइयां जो
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Individual नहीं हैं
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HUF नहीं हैं
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कंपनी नहीं हैं
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ITR-7 फाइल करने वाले नहीं हैं
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6️⃣ ITR-6
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कौन भरें: कंपनियां जो धारा 11 के तहत छूट का दावा नहीं करतीं (जैसे गैर-धर्मार्थ कंपनियां)।
7️⃣ ITR-7
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कौन भरें: व्यक्ति या कंपनियां जो धारा 139(4A), 139(4B), 139(4C), 139(4D) के तहत रिटर्न भरने के लिए बाध्य हैं।
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उदाहरण: धार्मिक/धर्मार्थ संस्थान, राजनीतिक दल, ट्रस्ट आदि।
8️⃣ ITR-U (Updated Return)
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कौन भरें: वे लोग जो पिछले असेसमेंट ईयर की समाप्ति के 48 महीनों के भीतर अपनी आय अपडेट करना चाहते हैं।