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सदर मंज़िल हेरिटेज ने अपनाया समावेशी मॉडल, भोपाल के पर्यटन मानचित्र पर नई मजबूती
भोपाल (म.प्र.)
भोपाल की ऐतिहासिक धरोहर सदर मंज़िल में शानदार 22 रुम की सुविधा है, साथ ही ,खास बात यहां भी है कि यहां का पूरा स्टाफ फीमेल है
भोपाल की ऐतिहासिक धरोहर सदर मंज़िल हेरिटेज ने अपनी आतिथ्य और विपणन नीति में बदलाव करते हुए सभी अतिथि वर्गों के लिए अपने दरवाज़े खोल दिए हैं।

24 मार्च को घोषित इस फैसले के तहत अब यह हेरिटेज संपत्ति केवल सीमित या विशिष्ट बुकिंग तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अवकाश यात्रियों, कॉर्पोरेट समूहों, सरकारी अधिकारियों और घरेलू-अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का भी स्वागत करेगी। यह कदम भोपाल को हेरिटेज लक्ज़री टूरिज़्म के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

आरती तुली प्रबंधक के अनुसार ,सदर मंज़िल प्रबंधन ने हाल ही में अपनी बिक्री और पोज़िशनिंग रणनीति में संशोधन किया है। इसके तहत अब परिवारों, एफआईटी यात्रियों, इनबाउंड टूरिस्ट्स, सामाजिक व व्यावसायिक समूहों और विशेष रुचि आधारित बुकिंग्स को अनुमति दी गई है। यह नीति मार्च के अंतिम सप्ताह से प्रभावी मानी जा रही है।
क्यों लिया गया यह निर्णय
पर्यटन विशेषज्ञों के अनुसार, अनुभव आधारित और हेरिटेज टूरिज़्म की बढ़ती मांग को देखते हुए यह बदलाव समय की आवश्यकता था। सीमित पहुंच के कारण जहां पहले यह संपत्ति चुनिंदा मेहमानों तक ही सीमित रहती थी, वहीं अब समावेशी नीति से इसकी आर्थिक और पर्यटन क्षमता दोनों में वृद्धि की उम्मीद है।

कैसे बरकरार रहेगी विशिष्ट पहचान
प्रबंधन का कहना है कि नीति में विस्तार के बावजूद सदर मंज़िल की प्रीमियम पहचान से कोई समझौता नहीं किया गया है। सीमित संख्या में क्यूरेटेड अनुभव, व्यक्तिगत आतिथ्य सेवा और ऐतिहासिक संरचना की गरिमा को बनाए रखते हुए बुकिंग्स स्वीकार की जाएंगी। महल को छोटे निजी समारोहों, हाई-टी आयोजनों और क्यूरेटेड डाइनिंग अनुभवों के लिए भी उपलब्ध कराया गया है।
न्यू ईयर गाला डिनर की योजना
इसी क्रम में सदर मंज़िल ने एक विशेष न्यू ईयर कॉकटेल गाला डिनर आयोजित करने की भी घोषणा की है। इस आयोजन में शाही परिवेश में गोरमेट भोजन, प्रीमियम पेय और लाइव मनोरंजन शामिल रहेगा। इसका उद्देश्य विरासत के माहौल में आधुनिक उत्सव का अनुभव देना है।

प्रबंधन और पर्यटन क्षेत्र की प्रतिक्रिया
सदर मंज़िल से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यह महल भोपाल की शाही विरासत का प्रतीक रहा है और नई नीति का लक्ष्य इस अनुभव को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाना है। वहीं, पर्यटन उद्योग से जुड़े जानकार इसे मध्य प्रदेश में हेरिटेज टूरिज़्म को नई गति देने वाला कदम बता रहे हैं।

पर्यटन विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, सदर मंज़िल जैसी ऐतिहासिक संपत्तियों का समावेशी उपयोग राज्य में उच्च श्रेणी के पर्यटन को बढ़ावा देगा। आने वाले समय में यहां अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों और विशेष रुचि समूहों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
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