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एक ही चिता पर जलीं 8 अर्थियां: झाबुआ सड़क हादसे ने उजाड़ दिया एक पूरा परिवार
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भावपुरा गांव में बीती रात एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। शादी समारोह से लौट रहे एक ही परिवार के 9 सदस्यों की उस समय दर्दनाक मौत हो गई, जब सीमेंट से भरे ट्रॉले ने उनकी ईको वैन को टक्कर मार दी और करीब 200 फीट तक घसीटता हुआ ले गया। हादसा इतना भयावह था कि शवों को निकालने के लिए क्रेन और कटर की मदद लेनी पड़ी।
ईको वैन चला रहे रेलकर्मी मुकेश खपेड़ सहित उनके पूरे परिवार की इस हादसे में मौत हो गई। अब उनके बूढ़े माता-पिता ही पीछे बचे हैं। मृतकों में चार बच्चे, तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। दो अन्य — एक युवती और पांच साल का बच्चा — गंभीर रूप से घायल हैं और अस्पताल में भर्ती हैं।
गांव में मातम, सन्नाटा और सवाल
घटनास्थल से जब शव गांव लौटे, तो हर आंख नम थी। शिवगढ़ मऊड़ा गांव की गलियां चीखों से भर उठीं। आठ मृतक इसी गांव के थे। जैसे ही शवों को अंतिम संस्कार के लिए लाया गया, गांव का हर शख्स बिलख पड़ा। चार-चार शवों को एक साथ मुखाग्नि दी गई। मृतकों में अधिकांश आपस में रिश्तेदार थे, जो शादी के बाद लौट रहे थे।
ट्रॉले की रफ्तार और प्रशासन की लापरवाही
एसपी पदम विलोचन शुक्ला के अनुसार, हादसा रात करीब 3 बजे हुआ, जब ट्रॉला अचानक अनियंत्रित होकर वैन पर पलट गया। जहां हादसा हुआ, वहां रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण चल रहा है, लेकिन न तो कोई डिवाइडर था और न ही कोई सिग्नल। सड़क के किनारे खाई भी थी, जिसमें दोनों वाहन गिर गए। ग्रामीणों ने प्रशासन पर समय पर जेसीबी और पोकलेन न भेजने का आरोप लगाया, जिससे कुछ जानें बच सकती थीं।
टूटे घर, बिखरे सपने
मुकेश खपेड़ रेलवे में ट्रैकमैन थे और अपने परिवार के साथ शादी समारोह में शामिल होकर लौट रहे थे। उनकी पत्नी, बेटा, बेटी और साली सभी इस हादसे में काल का ग्रास बन गए। वहीँ मृतका मढ़ी बाई के बेटे विजय की बाइक से जाने के कारण जान बची, लेकिन वह अपनी मां, बहन और चचेरी बहन को खो बैठा। यह वही बच्चा है जिसने तीन साल पहले भी अपने पिता को भीड़ द्वारा पीटे जाने के बाद खो दिया था।
प्रशासन और नेताओं की उपस्थिति
दुर्घटना के बाद क्षेत्रीय मंत्री नागर सिंह चौहान, झाबुआ एएसपी प्रेमलाल कुर्वे और अन्य अधिकारियों ने शोक संतप्त परिवारों से भेंट कर सांत्वना दी। साथ ही जांच के आदेश भी दिए गए हैं कि निर्माणाधीन ब्रिज क्षेत्र में पर्याप्त सुरक्षा उपाय क्यों नहीं थे।