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"जीबी पंत स्कूल बना नशा मुक्ति का प्रेरणा केंद्र: न्यायाधीश व अशोका गार्डन थाना पुलिस ने छात्रों को दिलाई जिम्मेदारी की शपथ
DEVENDRA PATEL

भोपाल के अशोका गार्डन क्षेत्र में स्थित जीबी पंत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जो समाज में फैल रही नशाखोरी की समस्या के विरुद्ध एक सशक्त संदेश बनकर सामने आया।
"नशे से दूरी – है जरूरी" शीर्षक से आयोजित इस अभियान में न्याय विभाग, विधिक सेवा प्राधिकरण और स्थानीय पुलिस प्रशासन की संयुक्त भागीदारी रही, जिससे यह आयोजन न केवल औपचारिकता से परे बल्कि प्रभावी और भावनात्मक रूप से गूंजता हुआ प्रतीत हुआ।
कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्व
आज के बदलते सामाजिक परिदृश्य में जब युवा वर्ग तेजी से नशे की ओर आकर्षित हो रहा है, ऐसे में इस तरह की पहल समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य को लेकर अशोका गार्डन क्षेत्र के सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित विद्यालय जीबी पंत हायर सेकेंडरी स्कूल को इस अभियान के आयोजन के लिए विशेष रूप से चुना गया।
विद्यालय की छात्र संख्या, शैक्षणिक गुणवत्ता और अनुशासित माहौल ने इस चयन को सार्थक बनाया।
माननीय न्यायाधीश का प्रेरक संबोधन
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पधारे माननीय न्यायाधीश सुनीत अग्रवाल ने अपने अनुभवों और समाजिक दृष्टिकोण को छात्रों के समक्ष रखा। उन्होंने नशे के दुष्परिणामों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एक छोटी सी आदत कैसे एक पूरे जीवन को बर्बाद कर सकती है।
उनके शब्दों में,
"नशा सिर्फ शरीर को नहीं, आत्मा और सोच को भी मार देता है।"
उन्होंने छात्रों से यह भी अपील की कि वे स्वयं को और अपने आसपास के लोगों को नशे से दूर रखें और समाज के सजग प्रहरी बनें।
अशोका गार्डन थाना पुलिस की सक्रिय सहभागिता
कार्यक्रम में अशोका गार्डन थाना की पुलिस टीम ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया।
थाना प्रभारी अनुराग लाल के नेतृत्व में एसआई ओमकार सिंह, प्रधान आरक्षक संतोष मंदरे, अरविंद त्यागी, राजेश रघुवंशी, शाहिद खान, अजय, शशि वर्मा, मुकेश पाठक और सरोज गिरी जैसे पुलिसकर्मी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
पुलिस अधिकारियों ने बच्चों से व्यक्तिगत संवाद कर नशे से जुड़े कानूनी और सामाजिक पक्षों को सरल भाषा में समझाया। कई उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने यह बताया कि नशा कैसे परिवारों को तोड़ता है, अपराधों को जन्म देता है और युवाओं के भविष्य को अंधकार में डालता है।
विद्यालय प्रशासन की सशक्त भूमिका
विद्यालय के प्राचार्य महेश साहू ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसी सामाजिक जागरूकता से जुड़े कार्यक्रम बच्चों की मानसिकता को सकारात्मक दिशा देते हैं और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हैं।
वहीं विद्यालय संचालक बी.एस. परिहार ने भी नशा मुक्ति के महत्व पर बात करते हुए कहा कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसमें सामाजिक और नैतिक मूल्यों का समावेश होना चाहिए।
विद्यार्थियों की भागीदारी और संकल्प
कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने अपनी बात रखी।
“नशे को ना, जीवन को हां”,
“सपने संजोएं, नशा नहीं”,
“Strong बनो, नशे से दूर रहो”
जैसे नारे पूरे स्कूल परिसर में गूंजते रहे।
इसके अलावा सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को नशा न करने और दूसरों को भी रोकने की सामूहिक शपथ दिलाई गई। बच्चों के चेहरों पर दिखता आत्मविश्वास इस बात का संकेत था कि यह अभियान उनके मन-मस्तिष्क में असर कर रहा है।
एक सकारात्मक पहल की मिसाल
इस पूरे आयोजन को देखकर यह साफ समझा जा सकता है कि अगर शिक्षा, कानून और सुरक्षा बल मिलकर काम करें, तो समाज में किसी भी बुराई के खिलाफ मजबूत दीवार खड़ी की जा सकती है।
जीबी पंत स्कूल और अशोका गार्डन थाना पुलिस की यह संयुक्त पहल केवल एक दिन का कार्यक्रम नहीं थी, बल्कि यह एक लंबे बदलाव की शुरुआत है।
इस कार्यक्रम ने न केवल स्कूल के छात्रों को बल्कि पूरे क्षेत्र को यह संदेश दिया कि नशे के खिलाफ लड़ाई केवल सरकार या पुलिस की नहीं है, बल्कि हर नागरिक, हर छात्र और हर परिवार की जिम्मेदारी है।
"नशे से नाता तोड़ो, जिंदगी से रिश्ता जोड़ो" — इस मूलमंत्र को आत्मसात कर यदि हर युवा एक कदम आगे बढ़ाए, तो भोपाल ही नहीं, पूरा देश नशा मुक्त समाज की ओर अग्रसर हो सकता है।
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