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भोपाल ज़िपं बैठक में खनिज अफसरों पर उपाध्यक्ष भड़के, बोले- पौधे उखाड़े, मेरे पास सबूत हैं"
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भोपाल जिला पंचायत की साधारण सभा की शुक्रवार को हुई बैठक में खनिज विभाग, शिक्षा और प्रशासनिक कार्यप्रणाली को लेकर जमकर बहस हुई।
उपाध्यक्ष मोहन सिंह जाट खनिज विभाग के अफसरों पर भड़कते हुए बोले— "हमने जंगलों और गांवों में पौधे रोपे, लेकिन खनिज खदानों के पास से जेसीबी से उखाड़ दिए गए। मेरे पास इसके सबूत हैं। अगर गलत हुआ तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।"
उपाध्यक्ष की इस टिप्पणी का कई जनप्रतिनिधियों ने समर्थन किया। सदस्य विनय मेहर, विक्रम भालेश्वर और रश्मि भार्गव ने कहा कि जिलेभर में ऐसा हो रहा है और खदान संचालक नियमों को ताक पर रखकर खनन कर रहे हैं।
खनिज विभाग पर बड़े आरोप: अवैध खनन और नियमों की अनदेखी
मोहन सिंह जाट ने आरोप लगाया कि जिले में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है और अफसर आंखें मूंदे बैठे हैं। उन्होंने कहा कि खदानों की सीमा निर्धारित होती है और तार फेंसिंग आवश्यक होती है, लेकिन पालन नहीं हो रहा। जनप्रतिनिधियों की नाराजगी पर सीईओ ईला तिवारी ने निर्देश दिए कि सभी खदानों के आसपास तार फेंसिंग करवाई जाए।
सरकारी स्कूलों की जर्जर हालत पर चिंता, हादसे की आशंका
बैठक की शुरुआत में ही जनप्रतिनिधियों ने सरकारी स्कूलों की जर्जर बिल्डिंगों का मुद्दा उठाया। सदस्य विनय मेहर, भार्गव और भालेश्वर ने कहा कि पथरिया, डोगरा जागीर और भामरा में बच्चों को खतरनाक हालात में पढ़ाया जा रहा है। कहीं छत टपक रही है तो कहीं दीवार गिरी पड़ी है। डीपीसी आरके यादव ने बताया कि निरीक्षण में कई स्कूलों की हालत बेहद खराब पाई गई है।
एसडीएम और पुलिस अफसरों को बुलाने पर हुआ विवाद
बैठक के दौरान जनप्रतिनिधियों ने एसडीएम और पुलिस अफसरों की गैरमौजूदगी पर आपत्ति जताई। इस पर फंदा जनपद अध्यक्ष प्रमोद सिंह राजपूत और सीईओ के बीच कहासुनी हो गई। मामला गरमाया तो उपाध्यक्ष ने हस्तक्षेप कर माहौल शांत कराया।
स्वास्थ्य, पीएचई, कृषि समेत कई विभागों पर हुई समीक्षा
बैठक में स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, प्रधानमंत्री सड़क योजना, पीडब्ल्यूडी, वन विभाग सहित अन्य प्रमुख विभागों के कामकाज की समीक्षा की गई। जनप्रतिनिधियों ने कई अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए और समयबद्ध कार्रवाई की मांग की।
मीटिंग में रही तीखी बहस, अधिकारियों की गैरहाजिरी पर भी उठे सवाल
साधारण सभा की यह बैठक पहले दो बार स्थगित हो चुकी थी। शुक्रवार को आयोजित इस बैठक में भी कई अधिकारी खुद नहीं आए और अपने अधीनस्थों को भेज दिया, जबकि सीईओ का स्पष्ट निर्देश था कि अधिकारी स्वयं उपस्थित रहें।