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ई-ट्रक पर पहली बार केंद्र की योजना लागू, लॉजिस्टिक्स और उद्योग जगत को मिलेगा फायदा
Business news

दिल्ली में 1100 इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए आरक्षित की गई प्रोत्साहन राशि, वायु गुणवत्ता सुधार की दिशा में बड़ा कदम
केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक ट्रकों को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक योजना की शुरुआत की है। भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री ई-ड्राइव पहल के तहत यह योजना लॉन्च की, जिसके अंतर्गत इलेक्ट्रिक ट्रक खरीदने पर अधिकतम 9.6 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी।
सरकार ने कुल 10,900 करोड़ रुपये के ई-ड्राइव बजट में से 500 करोड़ रुपये विशेष रूप से इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए निर्धारित किए हैं। यह पहली बार है जब मालवाहक ई-ट्रकों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने अलग से आर्थिक प्रोत्साहन योजना लाई है। योजना के तहत 5600 ट्रकों को लाभ देने का लक्ष्य तय किया गया है।
वायु प्रदूषण में डीजल ट्रकों की बड़ी हिस्सेदारी
केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी ने कहा, "भले ही कुल वाहनों में डीजल ट्रकों की हिस्सेदारी सिर्फ 3% हो, लेकिन परिवहन क्षेत्र से होने वाले ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में इनका योगदान 42% तक है। इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए लाई गई यह योजना देश को स्वच्छ, पर्यावरण-अनुकूल माल परिवहन की दिशा में आगे बढ़ाएगी और 2070 तक भारत के नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पूरा करने में सहायक होगी।"
दिल्ली में 1100 ई-ट्रकों को मिलेगा सीधा लाभ
अधिकारियों के मुताबिक, योजना के तहत दिल्ली में पंजीकृत करीब 1100 इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये की सब्सिडी राशि आरक्षित की गई है। इस योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। हालांकि, सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए पुराने डीजल ट्रक हटाना अनिवार्य होगा।
"पहले आओ, पहले पाओ" के आधार पर मिलेगा लाभ
सरकार के अनुसार, सब्सिडी ट्रक के सकल वाहन भार (GVW) के आधार पर तय की जाएगी। यह अधिकतम 9.6 लाख रुपये तक हो सकती है और यह सीधे वाहन निर्माता (OEM) को प्रदान की जाएगी। लाभार्थियों का चयन ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर किया जाएगा। सब्सिडी की यह राशि खरीद मूल्य में सीधे कटौती के रूप में दी जाएगी।
बैटरी पर पांच साल और वाहन पर ढाई लाख किलोमीटर की वारंटी
इस योजना में एन2 और एन3 श्रेणी के ट्रकों को शामिल किया गया है — एन2 श्रेणी में 3.5 से 12 टन तक के मध्यम वज़न वाले ट्रक और एन3 श्रेणी में 12 टन से 55 टन तक के भारी ट्रक आते हैं। सभी लाभार्थी ई-ट्रकों के लिए 5 साल या 5 लाख किलोमीटर (बैटरी) और 5 साल या 2.5 लाख किलोमीटर (वाहन व मोटर) की वारंटी प्राप्त करेंगे।
बंदरगाहों और लॉजिस्टिक सेक्टर को होगा लाभ
इस योजना का सीधा फायदा बंदरगाह, लॉजिस्टिक्स, सीमेंट और इस्पात उद्योगों को मिलेगा, जहां भारी मात्रा में ट्रांसपोर्ट की जरूरत होती है। इलेक्ट्रिक ट्रकों को अपनाकर ये उद्योग कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के साथ-साथ ईंधन की लागत भी बचा सकेंगे।