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बैंक FD बनाम कॉर्पोरेट FD: कहां मिलेगा ज्यादा रिटर्न, किसमें है ज्यादा जोखिम? जानिए पूरा फर्क
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अगर आप गारंटीड रिटर्न और पूंजी की सुरक्षा चाहते हैं, तो बैंक एफडी एक भरोसेमंद विकल्प है। वहीं, अगर आप थोड़ा जोखिम उठाकर ज्यादा ब्याज कमाना चाहते हैं, तो कॉर्पोरेट एफडी आकर्षक हो सकती है। लेकिन फैसला करने से पहले दोनों के बीच के अंतर जानना बेहद जरूरी है।
बैंक एफडी क्या है?
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बैंक एफडी (Fixed Deposit) बैंकों द्वारा दी जाने वाली एक पारंपरिक निवेश योजना है।
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इसमें एक तय अवधि और ब्याज दर पर रकम जमा होती है।
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रिटर्न गारंटीड होता है, और ₹5 लाख तक की राशि पर DICGC बीमा भी मिलता है।
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निवेश अवधि: 7 दिन से 10 साल तक।
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ब्याज दर: 5.5%–7.5% (बैंक और स्कीम पर निर्भर)।
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टैक्स छूट: 5 साल की टैक्स सेविंग FD पर धारा 80C के तहत लाभ।
कॉर्पोरेट एफडी क्या है?
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कॉर्पोरेट एफडी कंपनियों द्वारा निवेशकों से ली गई निश्चित अवधि की जमा राशि होती है।
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ब्याज दरें बैंक एफडी से अधिक होती हैं, लेकिन जोखिम भी ज्यादा होता है।
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रिटर्न की कोई सरकारी गारंटी नहीं होती।
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निवेश अवधि: 6 महीने से 5 साल तक।
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ब्याज दर: 8%–10.5% तक भी हो सकती है।
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कोई टैक्स छूट नहीं, और प्रीमैच्योर विदड्रॉल पर 2–3% पेनल्टी संभव।
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निवेश से पहले कंपनी की क्रेडिट रेटिंग (जैसे CRISIL, ICRA) जरूर जांचें।
बैंक FD और कॉर्पोरेट FD का तुलनात्मक अंतर
आधार | बैंक FD | कॉर्पोरेट FD |
---|---|---|
ब्याज दर | 5.5% – 7.5% | 8% – 10.5% (या अधिक) |
जोखिम | बहुत कम (सरकारी बीमा उपलब्ध) | कंपनी पर निर्भर (ज्यादा जोखिम) |
गारंटी | DICGC बीमा (₹5 लाख तक) | कोई सरकारी गारंटी नहीं |
निवेश अवधि | 7 दिन – 10 वर्ष | 6 महीने – 5 वर्ष |
टैक्स छूट | हां (80C के तहत) | नहीं |
प्रीमैच्योर निकासी | 1–2% पेनल्टी | 2–3% पेनल्टी |
✅ कौन सा विकल्प आपके लिए बेहतर?
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अगर आप निश्चित रिटर्न, सुरक्षा और स्थिरता चाहते हैं—तो बैंक एफडी आपके लिए बेहतर विकल्प है।
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अगर आप थोड़ा जोखिम उठाकर ज्यादा कमाना चाहते हैं और आपने कंपनी की क्रेडिट रेटिंग देख ली है—तो कॉर्पोरेट एफडी भी आजमाई जा सकती है।
बैंक FD सुरक्षा देती है, कॉर्पोरेट FD ज्यादा रिटर्न। लेकिन निवेश से पहले अपनी जोखिम क्षमता, निवेश लक्ष्य और वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें।
📝 (Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)