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भोपाल की वोटर लिस्ट से हटेंगे 4.40 लाख से ज्यादा मतदाता, ‘नो मैपिंग’ वाले 1.21 लाख को नोटिस
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एसआईआर के बाद मृत, शिफ्टेड और डबल वोटर्स की पहचान, जिला प्रशासन दे रहा है 50 दिन का दस्तावेज प्रस्तुत करने का मौका
शहर की वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर संशोधन होने जा रहा है। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के बाद 4 लाख 40 हजार से अधिक मतदाताओं को सूची से हटाया जाएगा। इनमें मृत, गायब, शिफ्ट हो चुके और डबल वोटर्स शामिल हैं।
जिला प्रशासन के अनुसार, 33 हजार से ज्यादा मतदाता मृत पाए गए हैं, जबकि कई अन्य वोटर अब अन्य जगह शिफ्ट हो चुके हैं। इसके अलावा, 1 लाख 21 हजार ऐसे मतदाताओं को नोटिस भेजा जाएगा, जिनका डिजिटल रिकॉर्ड “नो मैपिंग” कैटेगरी में आया है। इन मतदाताओं को 50 दिन के अंदर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाएगा।
एसआईआर के तहत भोपाल में कुल 16 लाख 83 हजार 414 वोटर्स के फॉर्म डिजिटल किए गए। इनमें 1 लाख 21 हजार 21 मतदाता ऐसे हैं, जिनका 2003 की वोटर लिस्ट के अनुसार कोई डेटा नहीं मिला। यह कुल मतदाताओं का 5.69 प्रतिशत है।
जिला प्रशासन ने बताया कि ASDR (Absent, Shifted, Dead, and Duplicate) कैटेगरी की जांच 15 और 16 दिसंबर को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह समेत 551 अधिकारियों, बीएलओ और सुपरवाइजर्स द्वारा की गई। हर अधिकारी को अपने बूथ के मतदाताओं की जिम्मेदारी दी गई थी और वे घर-घर जाकर क्रॉस चेकिंग कर रहे।
विधानसभा क्षेत्रों का विश्लेषण दिखाता है कि गोविंदपुरा में शिफ्ट हुए मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक 61 हजार 404 है, जबकि मृत मतदाता 6,304 हैं। नरेला विधानसभा में 6,099 मृत और 66,196 शिफ्ट वोटर पाए गए। बैरसिया में चारों कैटेगरी में सबसे कम संख्या दर्ज हुई। भोपाल मध्य और दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्रों में क्रमश: 67,199 और 63,662 मतदाता ASDR में शामिल पाए गए।
जिला प्रशासन का कहना है कि जिन मतदाताओं को “नो मैपिंग” कैटेगरी में पाया गया है, उनके रिकॉर्ड का मिलान 50 दिन के भीतर किया जाएगा। यदि दस्तावेज नहीं मिलते हैं, तो उनका नाम वोटर लिस्ट से हट जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम वोटर लिस्ट को अपडेट और पारदर्शी बनाने के लिए जरूरी है। इससे मतदाता पहचान में सुधार होगा और भविष्य के चुनावों में दुरुपयोग की संभावना कम होगी।
भोपाल की यह कार्रवाई एसआईआर और डिजिटलाइजेशन के माध्यम से चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुरूप की गई है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि सभी नोटिस और अपडेट वोटरों तक समय पर पहुँचाए जाएंगे और उनका रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाएगा।
इस प्रक्रिया से शहर की वोटर लिस्ट अधिक सटीक और विश्वसनीय होगी, जिससे आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मतदाता पहचान और मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
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