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“मोदी ने कहा—भारत-रूस रिश्ते हर परीक्षा में सफल; पुतिन संग वार्ता में 2030 तक का आर्थिक रोडमैप तय
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नई दिल्ली में हुई वार्षिक भारत-रूस शिखर बैठक में शांति, अर्थव्यवस्था, ऊर्जा और रणनीतिक साझेदारी पर व्यापक चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार को हुई शिखर वार्ता में दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों को नई दिशा देने पर जोर दिया गया। हैदराबाद हाउस में आयोजित संयुक्त प्रेस संवाद में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-रूस की साझेदारी ने दशकों से वैश्विक संकटों और भू-राजनीतिक बदलावों के बीच भी अपनी मजबूती कायम रखी है। मोदी के अनुसार, “यह दोस्ती ऐसी है जो समय-समय पर परीक्षा में उतरी और हर बार खड़ी रही।”
शिखर बैठक में क्या हुआ?
बैठक के दौरान दोनों देशों ने 2030 तक के लिए आर्थिक सहयोग की विस्तृत रणनीति तय की। इसमें ऊर्जा, व्यापार, खाद्य सुरक्षा, समुद्री परिवहन, स्वास्थ्य क्षेत्र और तकनीकी नवाचार को विशेष महत्व दिया गया। बातचीत में रक्षा सहयोग और कनेक्टिविटी से जुड़े मुद्दे भी प्रमुख रहे।
दिन की शुरुआत कैसे हुई?
राष्ट्रपति पुतिन का औपचारिक स्वागत सुबह राष्ट्रपति भवन में हुआ, जहां उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। गार्ड ऑफ ऑनर के बाद पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। इसके बाद वे राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
मुलाकात क्यों महत्वपूर्ण?
भारत और रूस पिछले दो दशकों से रणनीतिक साझेदारी को विकसित करते आए हैं। वैश्विक राजनीति में लगातार बदलते समीकरणों के बीच यह बैठक इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि दोनों देश ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार मार्ग, रक्षा सहयोग और तकनीकी सहयोग में लंबे समय से एक-दूसरे पर भरोसा करते रहे हैं।
मोदी ने कहा कि “राष्ट्रपति पुतिन की दूरदृष्टि ने भारत-रूस संबंधों को स्थिरता और गहराई दी है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि दुनिया आज फिर अशांति और तनाव के दौर से गुजर रही है और ऐसे समय में भारत-रूस संवाद शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में सकारात्मक संकेत देता है।
शांति पर भारत का रुख
यूक्रेन विवाद पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक कहा कि भारत किसी भी संघर्ष में न्यूट्रल नहीं, बल्कि शांति-समर्थक है। उन्होंने कहा, “भारत उन सभी पहल का समर्थन करता है जो तनाव कम कर सकें और संवाद को आगे बढ़ा सकें।” पुतिन ने भी शांति प्रयासों का समर्थन करने के लिए मोदी का धन्यवाद किया।
कौन-कौन से समझौते हुए?
शिखर बैठक के दौरान दोनों देशों ने कई क्षेत्रों में समझौतों को अंतिम रूप दिया, जिनमें शामिल हैं—
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स्वास्थ्य और मेडिकल शिक्षा में सहयोग
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खाद्य सुरक्षा और मानकों पर समझौता
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पोलर शिपिंग और समुद्री परिवहन
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उर्वरक और कृषि-सहयोग
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माइग्रेशन और जनशक्ति विनिमय
इन समझौतों को द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को नई गति देने वाला माना जा रहा है।कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि 2030 आर्थिक रोडमैप भविष्य में भारत-रूस संबंधों को तकनीक, ऊर्जा और विनिर्माण के नए क्षेत्रों तक विस्तारित करेगा। दोनों नेताओं ने बैठक के बाद कहा कि आने वाले वर्षों में व्यापार और रणनीतिक साझेदारी नई ऊंचाइयों को छू सकती है।
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