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विशाखापत्तनम: वराहलक्ष्मी नरसिंह मंदिर में दीवार गिरने से बड़ा हादसा, चंदनोत्सव के दौरान 7 श्रद्धालुओं की मौत
JAGRAN DESK

आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक दर्दनाक हादसे ने चंदनोत्सव की खुशियों को मातम में बदल दिया। श्री वराहलक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में देर रात लगभग 2:30 बजे 20 फीट लंबी एक दीवार गिर गई, जिसमें दबकर सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। हादसे के वक्त मंदिर में अक्षय तृतीया के अवसर पर विशेष पूजा चल रही थी, जिसमें भारी संख्या में भक्त शामिल हुए थे।
हजारों की भीड़, अचानक टूटा संरचनात्मक संतुलन
मंदिर प्रबंधन के अनुसार, चंदनोत्सव के दौरान जब हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़े, तब भीड़ का दबाव बढ़ गया। इसी बीच एक पुराना निर्माण खंड अचानक ढह गया, जिसकी चपेट में कई लोग आ गए। देखते ही देखते चीख-पुकार मच गई और पूरे परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
राहत और बचाव अभियान जारी
हादसे की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच गईं और तत्काल मलबा हटाकर फंसे लोगों को बाहर निकालने का कार्य शुरू कर दिया। जिला प्रशासन के अनुसार, घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
गृह मंत्री और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे
घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य की गृह मंत्री वंगालापुडी अनिता ने घटनास्थल का दौरा किया और राहत कार्यों की निगरानी की। जिला कलेक्टर हरेंद्र प्रसाद ने मीडिया को बताया कि हादसे की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व एमएलसी का बयान— "अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना"
भाजपा के पूर्व एमएलसी माधव ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना एक धार्मिक उत्सव के दौरान हुई, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने राज्य सरकार से पीड़ितों को समुचित मुआवजा और दोषियों को दंडित करने की मांग की।
अब सवाल उठ रहे हैं सुरक्षा व्यवस्था पर
इस हादसे ने मंदिरों में आयोजनों के दौरान सुरक्षा प्रबंधों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या स्थानीय प्रशासन को इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति की जानकारी थी? क्या संरचनात्मक सुरक्षा की कोई जांच हुई थी? यह जांच का विषय बन चुका है।