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कर्रेगुट्टा ऑपरेशन पर छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री का बड़ा बयान — शांति वार्ता पर जताई नाराजगी, कहा- जब हमारे आदिवासी मारे गए, तब किसी को दर्द नहीं हुआ
Raipur, cg

छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने तेलंगाना सीमा से सटे कर्रेगुट्टा के जंगलों में जारी एंटी नक्सल ऑपरेशन को लेकर आज राजधानी रायपुर में मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने शांति वार्ता की मांग उठाने वाले संगठनों पर जमकर निशाना साधा और दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।
गृहमंत्री शर्मा ने तीखा बयान देते हुए कहा, "जब छत्तीसगढ़ के आदिवासी नक्सली हिंसा में मारे गए, तब किसी को कोई पीड़ा नहीं हुई। अब जब तेलंगाना के नक्सली दबाव में हैं तो वार्ता और संवेदना की बातें हो रही हैं।" उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ये संगठन होते कौन हैं जो शांति वार्ता की पैरवी कर रहे हैं।
"दाल में कुछ काला है", वार्ता की पैरवी करने वालों पर उठाए सवाल
विजय शर्मा ने शांति प्रक्रिया की बात करने वाले गुटों को संदिग्ध बताते हुए कहा, "कौन हैं ये लोग जो वार्ता की मांग कर रहे हैं? इनकी मंशा पर सवाल उठते हैं। दाल में जरूर कुछ काला है।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर नक्सली वार्ता चाहते हैं, तो पहले उन्हें यह बताना होगा कि वे किन लोगों को अपनी ओर से प्रतिनिधित्व के लिए भेज रहे हैं।
कर्रेगुट्टा में 9 दिन से चल रहा है ऑपरेशन, अब तक 5 नक्सली ढेर
तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में पिछले 9 दिनों से बड़े पैमाने पर एंटी नक्सल ऑपरेशन जारी है। इस ऑपरेशन में अब तक 5 नक्सलियों के मारे जाने की खबर सामने आ चुकी है, जिनमें 3 महिला नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं। सुरक्षा बलों ने कई नक्सली नेताओं को घेर रखा है, और पांच राज्यों की संयुक्त कार्रवाई इस ऑपरेशन को अंजाम दे रही है।
वार्ता या वॉर — छत्तीसगढ़ सरकार का रूख साफ
गृहमंत्री विजय शर्मा का यह बयान न सिर्फ शांति वार्ता की मांग पर सख्त विरोध को दर्शाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है। उन्होंने यह भी इशारा किया कि सरकार किसी भी प्रकार के नक्सली नरमी के खिलाफ है, और सुरक्षा बलों को हर स्तर पर समर्थन दिया जाएगा।