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चिन्नास्वामी स्टेडियम में जीत का जश्न और बाहर मौत की चीख… बेंगलुरु हादसे से उठे कई सवाल
Jagran Desk

एक ओर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की आईपीएल जीत की चमक थी, तो दूसरी ओर वही स्टेडियम बाहर मातम का अंधेरा। चिन्नास्वामी स्टेडियम के भीतर जश्न का माहौल था, लेकिन बाहर बेकाबू भीड़ में मची भगदड़ ने 11 लोगों की जान ले ली और 33 से ज्यादा घायल हो गए। यह मंजर केवल एक हादसा नहीं, बल्कि बदइंतजामी की एक बड़ी मिसाल बन गया है।
35 हजार की दर्शक क्षमता वाले इस स्टेडियम में तीन लाख से अधिक लोगों के जुटने से हालात बेकाबू हो गए। पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा, जिससे मची भगदड़ में कई लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े और उन्हें संभलने का मौका तक नहीं मिला।
प्रशासनिक चूक से टूटी जिंदगी
हादसा उस समय हुआ जब RCB की जीत का जश्न मनाने हजारों फैंस स्टेडियम के बाहर जमा थे। प्रशंसकों में अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को देखने की दीवानगी इस कदर थी कि लोग पेड़ों, गाड़ियों और दीवारों तक पर चढ़ गए। अफरातफरी के बीच कई लोग ज़मीन पर गिर पड़े और अन्य लोगों के पैरों तले कुचल गए।
इतने बड़े आयोजन के लिए कोई ठोस प्लानिंग नजर नहीं आई। जब जश्न और मातम एक ही फ्रेम में नजर आए, तो सवाल उठना लाज़िमी है कि गलती आखिर कहां हुई?
मौत के बाद भी जारी रहा जश्न
हादसे के बाद भी स्टेडियम के अंदर रंगारंग कार्यक्रम और सम्मान समारोह चलता रहा। मंच पर जहां RCB के खिलाड़ी और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार मौजूद थे, वहीं बाहर एंबुलेंस की सायरन और रोती-बिलखती भीड़ प्रशासन की नाकामी की गवाही दे रही थी।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने मृतकों के परिवार को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों को मुफ्त इलाज देने की घोषणा की है।