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हिमाचल में बादल फटने से तबाही: 10 मौतें, 35 लापता; वाराणसी में गंगा का जलस्तर 2.96 मीटर बढ़ा, 20 मंदिर डूबे
Jagran Desk
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देश के कई राज्यों में भारी बारिश और प्राकृतिक आपदाएं कहर बनकर टूट रही हैं। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बीती रात बादल फटने की 10 घटनाएं सामने आईं, जिनसे भारी बाढ़ आ गई।
अब तक 10 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 35 लोग लापता हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा का जलस्तर 2.96 मीटर तक बढ़ गया है और 20 मंदिर जलमग्न हो गए हैं।
हिमाचल के 100 गांवों में बिजली गुल, रेड अलर्ट जारी
मंडी जिले के कथुनाग, करसोग, धर्मपुर, बगशयाड़, थुनाग और गोहर क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ है। 100 से अधिक गांवों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। ब्यास नदी उफान पर है और प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी किया है। NDRF और SDRF की टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं।
वाराणसी में मणिकर्णिका घाट तक पहुंचा गंगा का पानी
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा का जलस्तर 50mm प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। पिछले 50 घंटों में 2.96 मीटर तक जलस्तर बढ़ चुका है। मणिकर्णिका घाट सहित कई घाट जलमग्न हो चुके हैं। लगभग 20 मंदिरों में पानी घुस चुका है। स्थानीय प्रशासन ने निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया है।
लखीमपुर और राजस्थान में नदी-नाले उफान पर
लखीमपुर में शारदा नदी खतरे के निशान के पास बह रही है। लगातार बारिश के कारण आसपास के गांवों में पानी भर चुका है। वहीं, राजस्थान के भरतपुर में तेज बारिश से शहर की सड़कों पर 2 फीट तक पानी भर गया। भरतपुर सहित चार जिलों में 24 घंटे में 2 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है।
मध्य प्रदेश के आधे हिस्से में भारी बारिश का असर
मध्यप्रदेश में मॉनसून का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव हो चुका है। बुधवार सुबह से ही राज्य के अनेक जिलों में भारी बारिश जारी है। अगले 4 दिनों तक तेज बारिश की संभावना जताई गई है। कुछ इलाकों में जलभराव और जनजीवन प्रभावित हो रहा है।