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चार बड़े बैंकों का तोहफा: अब सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस न रखने पर नहीं लगेगा कोई जुर्माना
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बैंक ग्राहकों के लिए राहतभरी खबर है। अब देश के चार बड़े बैंकों—SBI, केनरा बैंक, इंडियन बैंक और PNB—ने सेविंग्स अकाउंट पर मिनिमम एवरेज बैलेंस (MAB) न रखने पर जुर्माना नहीं लगाने का फैसला किया है। इससे करोड़ों खाताधारकों को फायदा मिलेगा, जो अब अपने खाते में जबरन बड़ी रकम फंसे रखने के दबाव से मुक्त हो जाएंगे।
क्या होता है मिनिमम एवरेज बैलेंस (MAB)?
मिनिमम एवरेज बैलेंस का मतलब है कि खाते में हर महीने एक तय न्यूनतम राशि बनी रहनी चाहिए। अगर बैलेंस तय सीमा से नीचे चला जाता है, तो बैंक जुर्माना लगाते हैं। यह जुर्माना अकाउंट टाइप और बैलेंस की कमी पर निर्भर करता है।
इन बैंकों ने खत्म की MAB की शर्त:
1️⃣ SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया)
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पहले ही 2020 में सभी सेविंग्स खातों पर मिनिमम बैलेंस की शर्त खत्म कर चुका है।
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अब खाते में बैलेंस कम रहने पर कोई पेनल्टी नहीं लगती।
2️⃣ केनरा बैंक
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मई 2025 में घोषणा की थी।
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अब रेगुलर सेविंग्स, सैलरी अकाउंट और NRI सेविंग्स अकाउंट पर भी कोई न्यूनतम बैलेंस जरूरी नहीं।
3️⃣ इंडियन बैंक
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7 जुलाई 2025 से सभी खातों के लिए MAB अनिवार्यता पूरी तरह से खत्म।
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ग्राहक अब बिना किसी चिंता के खाता चला सकेंगे।
4️⃣ PNB (पंजाब नेशनल बैंक)
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हाल ही में घोषणा की गई।
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अब PNB सेविंग्स अकाउंट में भी MAB न रखने पर कोई पेनल्टी नहीं लगेगी।
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पहले जुर्माना बैलेंस की कमी के अनुसार लगता था, लेकिन अब ये प्रावधान हट गया है।
ग्राहकों को क्या फायदा?
अब खाताधारकों को हर महीने खाते में अनावश्यक रकम बनाए रखने की चिंता नहीं करनी होगी। इससे निम्न आय वर्ग, विद्यार्थी, पेंशनर्स और ग्रामीण ग्राहकों को सीधा लाभ मिलेगा।
निष्कर्ष:
देश के प्रमुख बैंक अब ग्राहक-हितैषी नीतियों की ओर बढ़ रहे हैं। मिनिमम बैलेंस की बाध्यता हटने से बैंकिंग और आसान बनेगी, और लाखों लोग बिना झिझक डिजिटल बैंकिंग सेवाओं से जुड़ सकेंगे।