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छत्तीसगढ़ के 6 जिलों में बाढ़ का खतरा, कई इलाकों में भारी बारिश और आंधी-तूफान का अलर्ट
Raipur, CG

छत्तीसगढ़ में मानसून इस समय अपने पूरे प्रचंड रूप में है। लगातार सक्रिय हो रहे सिस्टम और बंगाल की खाड़ी से मिल रही नमी के कारण प्रदेश के कई हिस्सों में भारी वर्षा हो रही है। मौसम विभाग ने प्रदेश के 6 जिलों में अगले 24 घंटे के लिए बाढ़ (फ्लैश फ्लड) का अलर्ट जारी किया है। साथ ही तेज़ हवाओं, गरज-चमक, वज्रपात और भारी बारिश की संभावना को देखते हुए येलो अलर्ट भी लागू किया गया है।
उत्तर और दक्षिण छत्तीसगढ़ में भारी बारिश का दौर जारी
पिछले 24 घंटे में सक्ती, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, महासमुंद, जशपुर और सुकमा जिलों में अधिकांश स्थानों पर बारिश दर्ज की गई। कई इलाकों में तेज़ हवाओं के साथ मूसलाधार वर्षा हुई। अंबिकापुर में अधिकतम तापमान 29.2 डिग्री और दुर्ग में न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जिससे वातावरण में नमी और ठंडक दोनों महसूस की गई।
6 जिलों में बाढ़ की चेतावनी, येलो अलर्ट प्रभावी
मौसम विभाग ने कोरिया, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सूरजपुर, बिलासपुर, सरगुजा और कोरबा जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बनने की चेतावनी जारी की है। इन इलाकों में नदियों और नालों का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है, जिससे निचले क्षेत्रों में पानी भरने और जनजीवन प्रभावित होने की संभावना है।
अगले 3 घंटे भी संवेदनशील, कई जिलों में अचानक तेज़ बारिश का अनुमान
अगले तीन घंटों के लिए राजनांदगांव, बलौदा बाज़ार, जांजगीर-चांपा, गौरेला-पेंड्रा मरवाही, बेमेतरा, कबीरधाम, मुंगेली, कोरबा, सूरजपुर और कोरिया में मध्यम से भारी बारिश, मेघगर्जन, आकाशीय बिजली और 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं की चेतावनी जारी की गई है।
राजधानी रायपुर में भी बदला मौसम का मिजाज
रायपुर में आज पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहने और गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है। दिन का तापमान 24 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है, जिससे उमस कम जरूर होगी, लेकिन भारी बारिश की स्थिति में सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
सप्ताह भर एक्टिव रहेगा मानसून, सरगुजा-बिलासपुर संभाग पर विशेष नजर
मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि अगले 3 दिनों तक बिलासपुर और सरगुजा संभाग के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। वहीं 6 और 7 जुलाई को उत्तर और दक्षिण छत्तीसगढ़ में बारिश की तीव्रता और अधिक बढ़ेगी, जिससे कई इलाकों में जलभराव और यातायात अवरुद्ध होने की स्थिति बन सकती है।
क्यों बढ़ रहा है खतरा: साइनोप्टिक सिस्टम की स्थिति
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मानसून द्रोणिका इस समय बीकानेर, शिवपुरी, खजुराहो, डाल्टनगंज, दीघा होते हुए उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है।
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उत्तर पूर्व मध्य प्रदेश के ऊपर एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवात 1.5 किलोमीटर की ऊँचाई तक सक्रिय है।
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उत्तरी ओडिशा और गंगेटिक पश्चिम बंगाल पर एक अन्य चक्रीय चक्रवात 5.8 किलोमीटर ऊँचाई तक फैला है।
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इसके साथ ही एक द्रोणिका रेखा उत्तर पूर्व अरब सागर से उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक उत्तर छत्तीसगढ़ होते हुए गुजर रही है, जो 3.1 से 5.8 किलोमीटर की ऊँचाई तक विस्तारित है।
इन सभी प्रणालियों के कारण छत्तीसगढ़ में निरंतर नमी की आपूर्ति हो रही है और मानसून की सक्रियता पूरे सप्ताह बनी रहने की संभावना है।
सावधान रहें, सतर्क रहें
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से नदियों या जलभराव वाले क्षेत्रों के आसपास न जाएं। आकाशीय बिजली या तूफानी हवाओं की स्थिति में पेड़ों या टीन शेड से दूर रहें। स्थानीय प्रशासन को किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत सूचित करें और मौसम विभाग द्वारा जारी अपडेट्स पर नजर बनाए रखें।