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छत्तीसगढ़ में ACB की दोहरी कार्रवाई: पटवारी-कोटवार और क्लर्क रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार
Raipur, CG
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छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने आज दो अहम कार्रवाइयां कीं। रायपुर जिले में पटवारी और कोटवार को ₹5,000 की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया, वहीं दुर्ग जिले में तहसील कार्यालय के एक क्लर्क को ₹17,500 लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया। दोनों मामलों में जमीन के नामांतरण के एवज में घूस की मांग की गई थी।
रायपुर: पटवारी और कोटवार ने मांगी ₹8,000 की रिश्वत
रायपुर के अभनपुर तहसील अंतर्गत ग्राम गोतियाडीह के निवासी जयवर्धन बघेल ने रायपुर ACB से शिकायत की थी कि पटवारी पुष्पेंद्र गजपाल और कोटवार गौतम कुमार (नायकबांधा) ने भूमि नामांतरण की प्रक्रिया के बदले ₹8,000 की रिश्वत मांगी। शिकायत की जांच के बाद गुरुवार को ACB ने ट्रैप बिछाया और दोनों को ₹5,000 लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
दुर्ग: तहसील बाबू ने चार नामांतरण के लिए मांगे ₹20,000
दूसरा मामला दुर्ग जिले के बोरी तहसील कार्यालय का है, जहां क्लर्क वीरेंद्र तुरकाने ने झनेंद्र कुमार से चार जमीनों के नामांतरण के बदले ₹20,000 की रिश्वत मांगी थी। मोलभाव के बाद रिश्वत ₹17,500 तय हुई। शिकायतकर्ता ने इसकी सूचना ACB को दी। योजना के अनुसार टीम ने जाल बिछाया और तुरकाने को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया।
दोनों मामलों में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई
रायपुर मामले में ACB ने दोनों आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 एवं 12 (संशोधित 2018) के तहत केस दर्ज किया है। वहीं, दुर्ग के मामले में भी क्लर्क वीरेंद्र तुरकाने पर धारा 7 के तहत FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
ACB की मुस्तैदी से खुली भ्रष्टाचार की परतें
ACB की सक्रियता से एक बार फिर यह स्पष्ट हुआ है कि आम नागरिकों की जागरूकता और सटीक सूचना से भ्रष्ट अधिकारियों को कानून के शिकंजे में लाया जा सकता है। विभागीय स्तर पर भी इन मामलों की समीक्षा और कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।