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उपराष्ट्रपति पद के उपचुनाव की अधिसूचना जारी, 9 सितंबर को होगा मतदान
Jagran Desk

देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद—उपराष्ट्रपति—के लिए होने वाले उपचुनाव की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है। चुनाव आयोग ने 7 अगस्त को अधिसूचना जारी करते हुए नामांकन प्रक्रिया का शंखनाद कर दिया।
अब उम्मीदवार 21 अगस्त तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं, जबकि 25 अगस्त तक नाम वापस लिया जा सकेगा।
सबसे अहम बात यह है कि 9 सितंबर को मतदान के साथ-साथ वोटों की गिनती भी उसी दिन होगी, और नया उपराष्ट्रपति तय हो जाएगा।
धनखड़ के इस्तीफे से खाली हुआ पद
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था, लेकिन समय से पहले पद छोड़ने के कारण अब उपचुनाव की नौबत आई है।
धनखड़ के इस्तीफे के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में नए नामों को लेकर चर्चा तेज है और सभी प्रमुख दल अपने-अपने उम्मीदवारों को लेकर रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
कौन कर सकता है वोट?
उपराष्ट्रपति चुनाव में आम जनता वोट नहीं करती। यह चुनाव संसद के दोनों सदनों—लोकसभा और राज्यसभा—के निर्वाचित व मनोनीत सदस्यों द्वारा किया जाता है। मतदान गुप्त होता है और आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (Proportional Representation System) के तहत होता है।
उम्मीदवार बनने के लिए शर्तें क्या हैं?
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भारत का नागरिक होना चाहिए
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आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए
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राज्यसभा का सदस्य बनने की योग्यता होनी चाहिए
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किसी भी लाभ के पद (Office of Profit) पर नहीं होना चाहिए—चाहे वो केंद्र, राज्य या किसी स्थानीय निकाय का पद हो
उपराष्ट्रपति का कार्यकाल
भारत का उपराष्ट्रपति 5 वर्षों के लिए चुना जाता है, लेकिन जब तक उत्तराधिकारी पद नहीं ग्रहण करता, तब तक वह कार्यरत रह सकता है। यह पद राष्ट्रपति के बाद देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद माना जाता है। इसके अलावा, उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति (Chairman) की भूमिका भी निभाता है।