साल 2025 भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए सिर्फ बॉक्स ऑफिस के लिहाज से नहीं, बल्कि विवादों के कारण भी याद किया जाएगा। बीते 12 महीनों में कई ऐसे मामले सामने आए, जिन्होंने न सिर्फ सिनेमा जगत को झकझोरा बल्कि सामाजिक और राजनीतिक बहस को भी हवा दी। अभिनेता पर जानलेवा हमला, कलाकारों पर देशद्रोह के आरोप, कानूनी नोटिस और सार्वजनिक माफीनामे—यह साल फिल्मों से ज्यादा विवादों के नाम रहा।
साल की शुरुआत जनवरी 2025 में अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले से हुई। एक अज्ञात व्यक्ति उनके मुंबई स्थित घर में घुस गया और चाकू से हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल सैफ को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जहां उनकी सर्जरी हुई। यह घटना सेलिब्रिटी सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल छोड़ गई।
फरवरी में सिंगर उदित नारायण उस वक्त विवादों में आए, जब उनके कॉन्सर्ट का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह एक फीमेल फैन को होठों पर चूमते नजर आए। सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया के बाद उदित नारायण को सफाई देनी पड़ी, हालांकि बहस थमने का नाम नहीं ले रही थी।
इसके बाद अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा के बीच फिल्म ‘स्पिरिट’ को लेकर विवाद चर्चा में रहा। दीपिका के फिल्म छोड़ने की खबरें सामने आईं और आरोप लगे कि 8 घंटे की शिफ्ट की मांग को लेकर मतभेद बढ़े। इस मुद्दे ने फिल्म इंडस्ट्री में काम के घंटों और वर्क-लाइफ बैलेंस पर नई बहस छेड़ दी।
मई में ‘हेरा फेरी 3’ को लेकर परेश रावल और अक्षय कुमार के बीच तनातनी सुर्खियों में रही। परेश रावल के फिल्म छोड़ने पर अक्षय कुमार ने लीगल नोटिस भेजा। बाद में सुलह हुई और परेश रावल की वापसी तय हुई, लेकिन यह विवाद लंबे समय तक चर्चा में रहा।
सबसे बड़ा विवाद तब सामने आया जब अभिनेता-सिंगर दिलजीत दोसांझ को पाकिस्तानी एक्ट्रेस हानिया आमिर के साथ काम करने पर ‘देशद्रोही’ कहा गया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाक कलाकारों पर लगे बैन के बीच ‘सरदार जी 3’ के ट्रेलर ने राजनीतिक रंग ले लिया। विरोध के चलते फिल्म भारत में रिलीज नहीं हो सकी।
साल के अंत में रणवीर सिंह और जया बच्चन के बयान भी विवादों की वजह बने। रणवीर सिंह को ‘कांतारा’ पर टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी, जबकि जया बच्चन के पपाराजी पर दिए बयान ने मीडिया बनाम सेलेब्रिटी बहस को फिर हवा दी।
2025 ने साफ कर दिया कि फिल्मी दुनिया में विवाद अब सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा बन चुके हैं। नए साल 2026 में इंडस्ट्री के सामने चुनौती होगी—सिनेमा को सुर्खियों में वापस लाना, विवादों को नहीं।
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