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राजकुमार राव की ‘भूल चूक माफ’: खट्टी-मीठी कहानी, हंसी और इमोशन का बेहतरीन संगम
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काफी दिनों के इंतजार और विवादों के बाद राजकुमार राव की नई फिल्म ‘भूल चूक माफ’ आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। फिल्म में वामिका गब्बी भी मुख्य भूमिका में हैं। अगर आप जानना चाहते हैं कि कहानी कैसी है और क्या ये फिल्म आपके लिए देखने लायक है, तो यहाँ पढ़िए पूरा रिव्यू।
कहानी में है सादगी और दिल से जुड़ी बातें
‘भूल चूक माफ’ करण शर्मा की एक दिल को छू लेने वाली फिल्म है, जिसमें न तो भारी-भरकम संदेश हैं और न ही कोई क्लिशे वाली रोमांटिक ड्रामा। यह फिल्म हर उम्र के दर्शकों के लिए उपयुक्त है। बनारस की गलियों की रंगीन पृष्ठभूमि, सरल कहानी और हल्की-फैंटेसी इसे खास बनाती है।
फिल्म की कहानी रंजन (राजकुमार राव) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक छोटे शहर का आम लड़का है। उसकी जिंदगी में प्यार, परिवार के टकराव और कई उम्मीदें हैं। तितली (वामिका गब्बी) के साथ उसकी प्यारी केमिस्ट्री और परिवार की पारिवारिक उलझनों को बड़े ही सहज और मजेदार अंदाज में दिखाया गया है।
फिल्म का प्लॉट अनूठा है — रंजन एक टाइम लूप में फंस जाता है, जहां वह बार-बार हल्दी की रस्म के दिन को जीता है और हर बार अपनी गलतियों के लिए माफी मांगने और उन्हें सुधारने की कोशिश करता है। सवाल यही है कि क्या वह इस जटिल परिस्थिति से बाहर निकल पाएगा और तितली से शादी कर पाएगा?
निर्देशन: सरलता में छुपा जादू
करण शर्मा ने फिल्म को एक साफ-सुथरे और दिल से जुड़े हुए अंदाज में पेश किया है। फिल्म का ह्यूमर नैचुरल और बेमिसाल है, जो जबरदस्ती हंसाने की बजाय कहानी से निकलता है। 121 मिनट की यह फिल्म कभी भी उबाऊ नहीं लगती और एक दम सही तालमेल के साथ पूरी होती है।
फिल्म के हर किरदार का चयन सोच-समझ कर किया गया है, जिससे कहानी प्रभावी और जीवंत लगती है। सिनेमैटोग्राफी और एडिटिंग भी इस फिल्म की ताकत हैं।
लेखन और संगीत: दिल छू लेने वाला मेल
फिल्म की सबसे बड़ी खूबी है उसका लेखन और संगीत। स्क्रिप्ट में सामाजिक मुद्दों, परिवार और ह्यूमर को संतुलित रूप से पिरोया गया है। सरकारी नौकरी के दबाव जैसे यथार्थवादी पहलू सहजता से सामने आते हैं।
संगीत भी कहानी का अहम हिस्सा है। गाने ‘टिंग लिंग सजना’ और ‘चोर बाज़ारी’ न केवल मनोरंजक हैं, बल्कि फिल्म की भावना को और गहरा करते हैं। बनारस की चमक-धमक और लोक संस्कृति म्यूजिक के जरिये खूबसूरती से दर्शाई गई है।
एक्टिंग: भावनाओं और कॉमेडी का संगम
राजकुमार राव ने अपनी भावनात्मक टाइमिंग और कॉमेडी की समझ से रंजन के किरदार को जीवंत कर दिया है। उनकी परफॉर्मेंस में नयापन और गहराई दोनों हैं। वामिका गब्बी ने तितली के रूप में अपने पहले कॉमिक रोल में भी नेचुरल और फ्रेश दिखीं। दोनों की केमिस्ट्री स्क्रीन पर काबिल-ए-तारीफ है।
संजय मिश्रा, सीमा पाहवा और रघुबीर यादव जैसे दिग्गज कलाकारों ने फिल्म में अपने किरदारों को जीवन्त बनाया है, जो फिल्म में एक अलग ही मज़ा और संवेदनशीलता जोड़ते हैं।