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अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने से पहले जानिए असली-नकली की पहचान, बचें ठगी से
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अक्षय तृतीया, जिसे भारत में समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, इस वर्ष 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन को सोना और अन्य कीमती धातुएं खरीदने के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
HUID नंबर जरूर जांचें
हर हॉलमार्क सोने के गहने पर एक विशिष्ट HUID (हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन) नंबर होता है। यह छह अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड सोने की प्रामाणिकता का प्रमाण होता है। BIS Care ऐप के माध्यम से आप इस नंबर की जांच कर सकते हैं और गहने की शुद्धता तथा हॉलमार्किंग सेंटर की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। बिना हॉलमार्क वाले गहनों से खरीदारी करने से बचें।
कैसे पहचानें असली हॉलमार्क
बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) हॉलमार्क शुद्धता का प्रमाण होता है। असली हॉलमार्क में BIS का त्रिकोणीय चिन्ह, सोने की शुद्धता का अंकन (जैसे 22K916), हॉलमार्किंग सेंटर का लोगो और निर्माता का पहचान चिह्न अंकित होता है। फर्जी हॉलमार्क से बचने के लिए इन सभी चिन्हों की पुष्टि अवश्य करें।
कैरेट की समझ रखें
सोने की गुणवत्ता को कैरेट में मापा जाता है:
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24 कैरेट = 99.9% शुद्ध सोना
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22 कैरेट = 91.6% शुद्ध
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18 कैरेट या 14 कैरेट = कम शुद्धता
सोने की कीमत उसकी शुद्धता के अनुसार तय होती है। उदाहरण के लिए, यदि 24 कैरेट सोने का बाजार मूल्य 95,000 रुपये प्रति 10 ग्राम है, तो 22 कैरेट सोने की सही कीमत लगभग 87,083 रुपये होगी। इसलिए हमेशा कैरेट के हिसाब से कीमत का आकलन करें और ठगी से बचें।
ऑथेंटिसिटी सर्टिफिकेट लेना न भूलें
सोना खरीदते समय प्योरिटी सर्टिफिकेट अवश्य लें। इस सर्टिफिकेट में सोने की कैरेट क्वालिटी, वजन, हॉलमार्किंग डिटेल और निर्माण वर्ष का उल्लेख होना चाहिए। यदि गहने में रत्न लगे हों, तो उनके लिए भी अलग से प्रमाणपत्र लेना चाहिए।
पक्का बिल लें
खरीदारी के वक्त हमेशा पक्का बिल लें जिसमें सोने की शुद्धता, कैरेट, मेकिंग चार्ज और कुल राशि का विवरण हो। बिना पक्के बिल के भविष्य में किसी भी दावे या रीसेल के समय परेशानी हो सकती है। इसलिए पक्की रसीद पर जोर दें।