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भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम, 11 साल में ऐसे बदली आर्थिक तस्वीर
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भारत ने बीते एक दशक में जिस तरह से आर्थिक, नीतिगत और संरचनात्मक बदलावों को अपनाया है, उसने न केवल व्यापार और निवेश का माहौल बदला है, बल्कि देश को विश्व के शीर्ष तीन स्टार्टअप इकोसिस्टम्स की श्रेणी में ला खड़ा किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने लालफीताशाही के जाल को हटाकर एक सरल, पारदर्शी और विश्वास-आधारित कारोबारी माहौल तैयार किया है। इसका असर न केवल घरेलू निवेश पर पड़ा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत एक ग्लोबल इनोवेशन हब के रूप में उभरा है।
नीतिगत सुधारों से बदला व्यापार का परिदृश्य
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सरकार ने कर सुधारों को प्राथमिकता देते हुए “पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान” प्लेटफॉर्म की शुरुआत की, जिससे टैक्स प्रक्रिया फेसलेस और निष्पक्ष बनी।
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जुलाई 2024 में एंजेल टैक्स समाप्त किया गया, जिससे स्टार्टअप्स को बहुत राहत मिली।
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विदेशी कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स में 35% तक कटौती की गई, जिससे निवेश आकर्षित हुआ।
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GST ने जटिल अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को समाप्त कर देशभर में व्यापार को आसान बनाया।
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने बढ़ाई कारोबारी सुगमता
सरकार द्वारा राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (NSWS), SPICe+ फॉर्म और ICEGATE जैसे डिजिटल टूल्स लागू किए गए, जिससे कंपनियों को एक ही मंच पर सभी आवश्यक सेवाएं मिलने लगीं।
जन विश्वास अधिनियम, 2023 के तहत अनेक पुराने नियमों को अपराधमुक्त बनाते हुए संशोधन किए गए।
साथ ही, IBC और श्रम संहिताओं ने कारोबारियों को स्थिरता और कानूनी स्पष्टता प्रदान की।
PM गति शक्ति और लॉजिस्टिक्स नीति से बढ़ी प्रतिस्पर्धा
इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारों के अंतर्गत शुरू की गई ‘PM गति शक्ति’ योजना और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति ने देश के परिवहन और आपूर्ति श्रृंखला को अधिक संगठित और कुशल बनाया है।
जिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स में भारत की रैंकिंग 2020 में 54 से बढ़कर 2023 में 38 पर आ गई है, जो सरकार के इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन के प्रति गंभीर प्रयासों को दर्शाता है।
MSME के लिए खुले नए अवसर
सरकारी e-Marketplace (GeM) जैसे प्लेटफॉर्म ने MSME को सरकारी खरीद में पारदर्शी और प्रत्यक्ष भागीदारी का मौका दिया है। इससे न केवल लघु उद्यमों का हौसला बढ़ा है, बल्कि आर्थिक विकास को भी नया आयाम मिला है।
भारत: नवाचार और उद्यमशीलता का नया केंद्र
इन सभी प्रयासों के चलते भारत न केवल स्टार्टअप्स के लिए बल्कि वैश्विक निवेशकों के लिए भी एक भरोसेमंद गंतव्य बनकर उभरा है। भारत का नवाचार आधारित मॉडल, टेक्नोलॉजी फ्रेंडली नीतियां और कारोबारी अनुकूलता आने वाले वर्षों में इसे और ऊंचाइयों तक ले जाने की क्षमता रखते हैं।