पेंशन और PF निकालना अब बेहद आसान, सरकार के नए नियमों से करोड़ों कर्मचारियों को राहत

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NPS और EPFO नियमों में बड़े सुधार, अब कम कागजी कार्रवाई, तेज क्लेम सेटलमेंट और ज्यादा लचीलापन मिलेगा।

नौकरीपेशा और रिटायरमेंट की तैयारी कर रहे करोड़ों लोगों के लिए सरकार ने साल के अंत में बड़ी राहत दी है। पेंशन (NPS) और भविष्य निधि (PF) से जुड़े नियमों में किए गए व्यापक बदलावों के बाद अब अपना ही पैसा निकालना कहीं ज्यादा आसान, तेज और पारदर्शी हो गया है। इन सुधारों का मकसद लंबी प्रक्रियाओं, बाबूशाही और नियोक्ता पर निर्भरता को खत्म करना है।

सबसे बड़ा बदलाव राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में किया गया है। अब रिटायरमेंट के समय अनिवार्य पेंशन प्लान (एन्युटी) खरीदने की सीमा 40% से घटाकर 20% कर दी गई है। इसका मतलब यह हुआ कि निवेशक अब अपने कुल फंड का 80% हिस्सा एकमुश्त निकाल सकते हैं। इससे पहले यह सीमा सिर्फ 60% थी।

इसके अलावा जिन निवेशकों का कुल NPS कॉर्पस 8 लाख रुपये या उससे कम है, उन्हें पूरी राशि निकालने के लिए किसी भी एन्युटी में निवेश करना जरूरी नहीं होगा। नियमों में यह भी राहत दी गई है कि अब NPS से बाहर निकलने के लिए 60 साल की उम्र तक इंतजार जरूरी नहीं है। 15 साल पूरे होने पर आंशिक या पूर्ण निकासी के विकल्प ज्यादा लचीले कर दिए गए हैं, जबकि निवेश जारी रखने की अधिकतम उम्र 85 साल तय की गई है।

युवा निवेशकों के लिए भी एक अहम बदलाव किया गया है। अब गैर-सरकारी NPS खाताधारक अपने फंड का 100% हिस्सा इक्विटी में निवेश कर सकेंगे, जो पहले 75% तक सीमित था। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि ज्यादा जोखिम से बचने के लिए निवेश को अलग-अलग स्कीम में बांटना समझदारी होगी।

दूसरी ओर, EPFO 3.0 के तहत भविष्य निधि (PF) निकासी और ट्रांसफर की प्रक्रिया को पूरी तरह सरल कर दिया गया है। पहले जहां PF निकालने के लिए 13 अलग-अलग कारण बताने पड़ते थे, अब इन्हें केवल तीन श्रेणियों—जरूरी जरूरतें, आवास और विशेष परिस्थितियां—में समेट दिया गया है।

सबसे अहम बदलाव यह है कि अब नौकरी बदलने या छोड़ने पर PF क्लेम के लिए नियोक्ता की मंजूरी जरूरी नहीं होगी। यदि UAN आधार से लिंक है और KYC पूरा है, तो कर्मचारी सीधे अपना क्लेम प्रोसेस कर सकते हैं। 5 लाख रुपये तक के क्लेम अब ऑटो-सेटलमेंट के जरिए जल्दी निपटाए जाएंगे।

सरकार का कहना है कि इन सुधारों से रिटायरमेंट फंड सिस्टम ज्यादा भरोसेमंद बनेगा और कर्मचारियों को अपने ही पैसे के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। आने वाले समय में डिजिटल प्रक्रिया और मजबूत किए जाने की तैयारी भी की जा रही है।

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