4,400 से 1.4 लाख तक का सफर: 25 साल में सोने ने निवेशकों को दिया सबसे शानदार रिटर्न

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इक्विटी को पछाड़कर सोना बना सबसे भरोसेमंद निवेश, चांदी भी रिकॉर्ड प्रदर्शन के साथ दूसरे नंबर पर

पिछले 25 वर्षों में अगर किसी निवेश ने सबसे ज्यादा और स्थिर रिटर्न दिया है, तो वह सोना रहा है। वर्ष 1999 के अंत में जहां सोने की कीमत करीब ₹4,400 प्रति 10 ग्राम थी, वहीं दिसंबर 2025 तक यह बढ़कर ₹1.4 लाख प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर चुकी है। इस दौरान सोने ने औसतन 14.3% सालाना रिटर्न दिया, जो शेयर बाजार समेत अन्य पारंपरिक निवेश विकल्पों से कहीं अधिक है।

वर्ष 2025 सोने और चांदी दोनों के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। इस साल सोने की कीमतों में 70% से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई, जबकि चांदी ने करीब 160% का उछाल दिखाया। यह प्रदर्शन 1979 के बाद सबसे मजबूत सालाना बढ़त मानी जा रही है। न सिर्फ भारत, बल्कि वैश्विक बाजारों में भी कीमती धातुओं ने निवेशकों को आकर्षित किया।

क्यों बढ़ा सोने का आकर्षण?
विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती ने सोने की मांग को मजबूती दी। ब्याज दरें घटने से डॉलर कमजोर हुआ, जिससे डॉलर में कारोबार होने वाली कीमती धातुएं अन्य मुद्राओं के लिए सस्ती पड़ीं। इसका सीधा असर मांग और कीमतों पर पड़ा।

शेयर बाजार से तुलना
इसी अवधि में भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा। पिछले 25 वर्षों में सेंसेक्स और निफ्टी ने क्रमशः लगभग 11.5% और 11.7% का औसत सालाना रिटर्न दिया। विश्लेषकों का कहना है कि यदि सेंसेक्स को चांदी के बराबर रिटर्न देना होता, तो आज उसका स्तर करीब 1.6 लाख अंक के आसपास होता, जबकि वास्तविकता में यह लगभग 85,000 के स्तर पर है।

चांदी की तेजी के पीछे क्या कारण?
चांदी की मांग केवल निवेश तक सीमित नहीं रही। सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) और सेमीकंडक्टर जैसे तेजी से बढ़ते उद्योगों में इसके बढ़ते उपयोग ने कीमतों को सहारा दिया है। ‘द सिल्वर इंस्टीट्यूट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक अनिश्चितता और औद्योगिक मांग के बीच चांदी की सप्लाई अपेक्षाकृत धीमी रही, जिससे कीमतों में और तेजी आई।

निवेश विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में सोना सिर्फ निवेश नहीं, बल्कि संस्कृति और बचत का अहम हिस्सा है। निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड से जुड़े विक्रम धवन के अनुसार, पोर्टफोलियो में सोना संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। गोल्ड ETF के जरिए निवेश करना आज के समय में एक सुरक्षित और आसान विकल्प बन चुका है।

हालांकि अल्पकाल में कीमतों में उतार-चढ़ाव संभव है, लेकिन जानकार मानते हैं कि मौजूदा वैश्विक हालात में सोना और चांदी दोनों निवेशकों के लिए मजबूत विकल्प बने रह सकते हैं।

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