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HAL का ध्रुव-NG हेलीकॉप्टर कल भरेगा पहली उड़ान, नागरिक उड्डयन में खुलेगा नया अध्याय
Jagran Desk
बेंगलुरु से होगी उड़ान, मेडिकल सेवा, आपदा राहत और ऑफशोर ऑपरेशंस के लिए तैयार किया गया है नया स्वदेशी हेलीकॉप्टर
भारत के स्वदेशी एयरोस्पेस कार्यक्रम के लिए एक अहम दिन मंगलवार, 30 दिसंबर 2025 को आने वाला है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव का नया नागरिक संस्करण ध्रुव-NG (Dhruv Next Generation) अपनी पहली उड़ान भरेगा। यह उड़ान HAL की बेंगलुरु स्थित सुविधा से होगी और इसके साथ ही भारत के सिविल हेलीकॉप्टर निर्माण क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा।
HAL अधिकारियों के अनुसार, ध्रुव-NG को विशेष रूप से नागरिक जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। इसका फोकस मेडिकल इमरजेंसी सेवाओं, आपदा राहत अभियानों और समुद्री क्षेत्रों में ऑफशोर ऑपरेशंस पर है। पहली उड़ान के बाद हेलीकॉप्टर के परीक्षण और प्रमाणन की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके आधार पर इसे भविष्य में नागरिक और अन्य उपयोगों के लिए तैयार किया जाएगा।
क्यों अहम है ध्रुव-NG की पहली उड़ान
ध्रुव-NG, मौजूदा ALH ध्रुव का उन्नत संस्करण है, जिसमें तकनीकी और सुरक्षा से जुड़े कई बड़े सुधार किए गए हैं। बीते वर्षों में ध्रुव हेलीकॉप्टर से जुड़े कुछ हादसों के बाद उठी सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए HAL ने इसके डिजाइन और सिस्टम में व्यापक बदलाव किए हैं। कंपनी का कहना है कि नया संस्करण अंतरराष्ट्रीय सिविल एविएशन मानकों के अनुरूप तैयार किया गया है।
HAL के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ध्रुव-NG की सफल टेस्ट उड़ान भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में खड़ा करेगी, जो अपने दम पर आधुनिक नागरिक हेलीकॉप्टर विकसित और संचालित कर रहे हैं। यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की दिशा में भी एक ठोस कदम मानी जा रही है।
ध्रुव-NG की प्रमुख तकनीकी खूबियां
नए हेलीकॉप्टर में आधुनिक ग्लास कॉकपिट दिया गया है, जिससे पायलट को उड़ान के दौरान ज्यादा सटीक और स्पष्ट जानकारी मिलेगी। इसके अलावा वाइब्रेशन कम करने की नई तकनीक से उड़ान पहले की तुलना में ज्यादा स्मूद होगी।
सुरक्षा के लिहाज से इसमें क्रैशवर्दी स्ट्रक्चर और सीटें, साथ ही सेल्फ-सीलिंग फ्यूल टैंक लगाए गए हैं, जिससे दुर्घटना की स्थिति में जान-माल के नुकसान का खतरा कम हो सके।
कहां होगा ध्रुव-NG का इस्तेमाल
ध्रुव-NG को बहुउद्देश्यीय प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित किया गया है। इसका इस्तेमाल दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में मरीजों को एयर एंबुलेंस के रूप में अस्पताल पहुंचाने, समुद्र में तेल-गैस प्लेटफॉर्म्स तक कर्मियों और सामग्री की ढुलाई, बाढ़-भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य और छोटे शहरों-गांवों को हवाई संपर्क देने के लिए किया जा सकेगा।
आगे की राह
पहली उड़ान के बाद HAL विस्तृत परीक्षण चरण शुरू करेगा। सफल परीक्षण और प्रमाणन के बाद ध्रुव-NG को नागरिक बाजार में उतारने की तैयारी की जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह परियोजना तय समय पर सफल होती है, तो भारत वैश्विक सिविल हेलीकॉप्टर बाजार में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज करा सकता है।
