Success Story: जर्मनी में मोटी सैलरी वाली नौकरी छोड़ गांव में शुरू किया काम, अब 1 करोड़ का टर्नओवर, क्‍या है बिजनेस?

Business News

अशोक कुमावत ने जर्मनी में अच्‍छी खासी नौकरी छोड़कर भारत में आंवला और बाजरे पर आधारित उत्पाद बनाने का व्यवसाय शुरू किया। उन्होंने प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 25 लाख लाख रुपये का लोन लिया। उनका सालाना टर्नओवर अब बढ़कर 1 करोड़ रुपये हो गया है।

अशोक कुमावत जर्मनी में अच्छी तनख्वाह पर नौकरी करते थे। लेकिन, हमेशा से वह अपना कुछ करना चाहते थे। नौकरी छोड़कर वह भारत लौट आए। गांव में आंवला और बाजरा से बने उत्पादों का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया। उनका यह कदम सही साबित हुआ। उनके कारोबार का सालाना टर्नओवर बढ़कर 1 करोड़ रुपये से ज्‍यादा हो गया है। आइए, यहां अशोक कुमावत की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।

जर्मनी में थे रोबोटिक्‍स ट्रेनर

<strong>जर्मनी में थे रोबोटिक्‍स ट्रेनर </strong>

अशोक कुमावत का इंजीनियरिंग बैकग्राउंड रहा है। वह रोबोटिक्स ट्रेनर थे। इंजीनियरिंग करने के बाद अशोक मिस्र गए। फिर वहां से जर्मनी चले गए। जर्मनी में उन्होंने 6 महीने रोबोट ट्रेनर की नौकरी की। उन्हें हर महीने 2 लाख रुपये मिलते थे। लेकिन, उन्हें अपने लोगों के लिए कुछ करने की इच्छा थी। इसलिए वह वापस अपने गांव लौट आए। वह राजस्‍थान के पाली गांव के रहने वाले हैं। अब अशोक एक सफल उद्यमी बन चुके हैं। उन्होंने 'प्रधानमंत्री स्व-रोजगार योजना' के तहत लोन लेकर अपना कारोबार शुरू किया था। यह लोन 25 लाख रुपये का था।

कच्चे आंवला को बेहतर उत्पादों में बदला

<strong>कच्चे आंवला को बेहतर उत्पादों में बदला</strong>

अशोक राजस्थान में 35 बीघा के खेत पर काम करते हैं। वह कई तरह के फल उगाते हैं। उनके खेत में 1,000 आंवला के पेड़ हैं। कोरोना महामारी के बाद आंवला उत्पादों की मांग बढ़ गई। अशोक ने इस मौके को पहचाना। उन्होंने कच्चे आंवला को बेहतर उत्पादों में बदला। पहले आंवला 8-10 रुपये प्रति किलो बिकता था। अब वही आंवला 200-250 रुपये प्रति किलो बिकता है। अशोक ने 2020 में अपना स्टार्टअप शुरू किया था।

1 करोड़ से ज्‍यादा का टर्नओवर

अशोक का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। उनका सालाना कारोबार 25 लाख रुपये से बढ़कर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। उन्हें आंवले के बारे में शुरू से ही पता था। उनके पिताजी खेती का काम करते हैं। उन्होंने आंवला और मिलेट्स उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग ली। अशोक ने अपने बिजनेस की शुरुआत खेत से की। लेकिन, ट्रांसपोर्ट का खर्च ज्यादा था। इसलिए उन्होंने जोधपुर इंडस्ट्रियल एरिया में एक प्लॉट खरीदा। वहां उन्होंने प्रोसेसिंग के काम आने वाली मशीनें लगाईं। इसके बाद उनका काम धीरे-धीरे बढ़ने लगा।

25 से 30 लोगों को दे रखा है रोजगार

<strong>25 से 30 लोगों को दे रखा है रोजगार</strong>

अशोक कुमावत जो कभी जर्मनी में रोबोटिक्‍स की ट्रेनिंग देते थे। अब वह खुद का बिजनेस चला रहे हैं। 25 से 30 लोगों को उन्‍होंने रोजगार दे रखा है। अशोक भविष्य में और भी उत्पाद बनाना चाहते हैं। वह किसानों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। गांव की महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने को इच्‍छुक हैं। अशोक कुमावत की कहानी दिखाती है कि युवा पीढ़ी अब नौकरी के पीछे नहीं भाग रही है। वे अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। अशोक कुमावत जैसे युवा दूसरों के लिए प्रेरणा हैं।

खबरें और भी हैं

मंगलवार के उपाय: बजरंगबली का करें स्मरण, मिटें संकट और बढ़े सुख-समृद्धि

टाप न्यूज

मंगलवार के उपाय: बजरंगबली का करें स्मरण, मिटें संकट और बढ़े सुख-समृद्धि

मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी और मंगलदेव का माना जाता है। यह दिन संकटों को दूर करने, जीवन में...
राशिफल  धर्म 
मंगलवार के उपाय: बजरंगबली का करें स्मरण, मिटें संकट और बढ़े सुख-समृद्धि

आज का राशिफल (24 जून): जानें किसका चमकेगा भाग्य, किसे रहना होगा सावधान

आज यानी मंगलवार, 24 जून 2025 को चंद्रमा वृषभ राशि में गोचर कर रहा है, जिसका असर सभी राशियों के...
राशिफल 
आज का राशिफल (24 जून): जानें किसका चमकेगा भाग्य, किसे रहना होगा सावधान

आज 24 जून का पंचांग: राहुकाल में न करें शुभ कार्य, जानें दिनभर का शुभ मुहूर्त

आज यानी मंगलवार, 24 जून 2025 को विक्रम संवत 2081 और हिंदी कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि...
राशिफल  धर्म 
आज 24 जून का पंचांग: राहुकाल में न करें शुभ कार्य, जानें दिनभर का शुभ मुहूर्त

CG : सीएम साय काशी में करेंगे पूजा-अर्चना, पायलट लौटेंगे दिल्ली, कॉलेज एडमिशन की हलचल तेज

सीएम साय वाराणसी दौरे पर, दिल्ली लौटेंगे शाम को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज वाराणसी में आयोजित होने वाली ...
छत्तीसगढ़ 
CG : सीएम साय काशी में करेंगे पूजा-अर्चना, पायलट लौटेंगे दिल्ली, कॉलेज एडमिशन की हलचल तेज

बिजनेस

Copyright (c) Dainik Jagran All Rights Reserved.
Powered By Vedanta Software