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गुनगुनालो ऐप लॉन्च: भारत को मिला कलाकारों के स्वामित्व वाला पहला सांस्कृतिक मंच
Jagran Desk

भारतीय संगीत और कला जगत के लिए 5 मई 2025 एक ऐतिहासिक दिन बन गया, जब देश की 30 से अधिक प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति में "गुनगुनालो" नामक भारत का पहला आर्टिस्ट-ओन डिजिटल ऐप लॉन्च किया गया।
जियो वर्ल्ड, बीकेसी स्थित स्टूडियो थिएटर में आयोजित इस भव्य समारोह में जावेद अख्तर, शंकर महादेवन, सोनू निगम, प्रसून जोशी, समीर अंजान, सलीम मर्चेंट, अरुणा साईराम, आनंद-मिलिंद और हरिहरन जैसे दिग्गज मौजूद रहे।
क्या है 'गुनगुनालो'?
गुनगुनालो एक ऐसा सांस्कृतिक प्लेटफॉर्म है, जिसे कलाकारों ने खुद अपने लिए और अन्य रचनात्मक साथियों के लिए विकसित किया है। इस ऐप पर संगीत, कविता, कहानी, मास्टरक्लास, ओपन माइक, और फैंस से डायरेक्ट संवाद जैसे फीचर्स मौजूद हैं। इसकी सबसे खास बात यह है कि यहां कंटेंट पर कोई निर्माता या कंपनी नियंत्रण नहीं रखती—यह पूरी तरह से कलाकारों की स्वतंत्रता का मंच है।
कलाकारों की सोच, कलाकारों का मंच
इस ऐप के संस्थापक सदस्यों में जावेद अख्तर, शंकर महादेवन, सोनू निगम, श्रेया घोषाल, अरिजीत सिंह, प्रसून जोशी, विशाल ददलानी, समीर अंजान जैसे नाम शामिल हैं। तकनीकी विकास का जिम्मा संभाला है श्रीधर रंगनाथन ने, जबकि शरली सिंह इसके सीईओ के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं।
गुनगुनालो की विशेषताएं:
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गुनगुनालो ओरिजिनल्स: श्रेया घोषाल के विशेष गीत से होगी शुरुआत
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वर्कशॉप्स: अरिजीत सिंह से गायकी की ट्रेनिंग, इरशाद कामिल के साथ लिरिक्स लैब
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फैनवर्स: प्रशंसकों के लिए मर्चेंडाइज डिजाइन, क्राउडफंडिंग और वर्चुअल मीटअप्स
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अनरिलीज़ क्लासिक्स और बीहाइंड द सीन कंटेंट तक सीधा एक्सेस
कलाकारों की प्रतिक्रियाएं:
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जावेद अख्तर ने कहा, "गुनगुनालो एक ऐसा मंच है जहां कलाकार बिना किसी रुकावट के अपनी आत्मा से रचना कर सकते हैं। यह दुनिया में अपनी तरह का पहला ऐप है जहां कलाकार ही कंपनी के मालिक और रचनाकार हैं।"
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शंकर महादेवन ने इसे “संगीत का अगला अध्याय” बताते हुए कहा कि यह सभी कलाकारों के वर्षों पुराने सपनों को साकार करेगा।
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सोनू निगम ने कहा, "अब हमारे पास वह मंच है, जो हमें 90 के दशक से चाहिए था—जहां रचनात्मक स्वतंत्रता सर्वोपरि है।"
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प्रसून जोशी ने इसे कलाकारों को "अपने मन की बात कहने वाला मंच" बताया और कहा कि अब उनके लिए रचनात्मक उड़ान भरने का समय आ गया है।
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सलीम मर्चेंट के अनुसार, "यह ऐप शुद्ध संगीत के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, जो इंडिपेंडेंट म्यूज़िक को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।"
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हरिहरन ने कहा, "यह मंच इसीलिए खास है क्योंकि इसके मालिक स्वयं कलाकार हैं।"
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अरुणा साईराम ने गुनगुनालो को "शास्त्रीय और आधुनिक संगीत के बीच सेतु" बताया।
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शरली सिंह के अनुसार, "यह ऐप गणित बदलने वाला है—यहां कलाकार अपने गानों के पूर्ण स्वामी होंगे और रेवेन्यू में भी भागीदार होंगे।"
संस्कृति का डिजिटल युग
गुनगुनालो न केवल संगीत प्रेमियों को विविधतापूर्ण और वास्तविक कंटेंट देगा, बल्कि नए कलाकारों को भी उभरने का अवसर प्रदान करेगा। जैसे-जैसे देश डिजिटल होता जा रहा है, गुनगुनालो भारत की सांस्कृतिक आत्मा को तकनीक से जोड़ने का प्रयास है।