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श्री कार्तिक स्वामी, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन को निकली विशेष ट्रेन, नागपुर से पहुंची ऋषिकेश
ऋषिकेश

उत्तराखंड के आध्यात्मिक स्थलों को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहल करते हुए, श्री कार्तिक स्वामी, बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की तीर्थ यात्रा के लिए नागपुर से विशेष पर्यटक रेलगाड़ी ‘देवभूमि बद्री-केदार श्री कार्तिक स्वामी एक्सप्रेस’ रविवार को ऋषिकेश पहुंची।
इस पूर्णतः वातानुकूलित ट्रेन में कुल 218 श्रद्धालु शामिल हैं, जिन्हें आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित ट्रेन में यात्रा का अवसर मिला है। ट्रेन में तृतीय, द्वितीय और प्रथम वातानुकूलित श्रेणी के शयन यान के साथ दो उच्च स्तरीय रेस्टोरेंट कोच और आधुनिक रसोई यान की सुविधा दी गई है। यात्रियों की सुरक्षा हेतु प्रत्येक कोच में सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए हैं।
धार्मिक स्थलों के दर्शन का विस्तृत कार्यक्रम
श्रद्धालुओं का यह विशेष यात्रा कार्यक्रम 07 जून को नागपुर से शुरू हुआ था, जो इटारसी, बीना, भोपाल, आगरा, मथुरा होते हुए 08 जून को योगनगरी ऋषिकेश पहुंचा।
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08 जून की शाम को सभी श्रद्धालु ऋषिकेश भ्रमण और गंगा आरती का दिव्य अनुभव प्राप्त करेंगे।
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09 जून को सड़क मार्ग से सभी रुद्रप्रयाग के लिए रवाना होंगे।
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10 जून से, श्रद्धालुओं को तीन समूहों में बांटकर श्री कार्तिक स्वामी मंदिर, केदारनाथ, और बद्रीनाथ धाम के दर्शन कराए जाएंगे।
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वापसी यात्रा 14 जून की रात 10 बजे ऋषिकेश से नागपुर के लिए होगी।
पूरे प्रवास के दौरान सभी श्रद्धालुओं के लिए आरामदायक होटलों में ठहरने की व्यवस्था की गई है और सड़क मार्ग की यात्रा के दौरान प्रत्येक बस में एक प्रशिक्षित टूर एस्कॉर्ट भी साथ रहेगा।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार प्रतिबद्ध
उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश के अल्पज्ञात तीर्थ स्थलों को देशभर से जोड़ने के लिए पर्यटन विभाग लगातार कार्य कर रहा है। श्री कार्तिक स्वामी मंदिर, जो रुद्रप्रयाग जनपद में समुद्र तल से लगभग 3,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, का उल्लेख स्कंद पुराण में भी मिलता है। यह उत्तर भारत का एकमात्र मंदिर है जो भगवान कार्तिकेय (मुरुगन) को समर्पित है।
पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, "उत्तराखंड आदि काल से ही धर्म और आध्यात्म की भूमि रही है। हमारी सरकार का उद्देश्य है कि राज्य के हर कोने में स्थित धार्मिक स्थलों को देश-दुनिया में पहचान दिलाई जाए। श्री कार्तिक स्वामी मंदिर विशेष रूप से तमिलनाडु और दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत आस्था का केंद्र बन सकता है।"
मंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष भी इसी प्रकार की पांच विशेष रेल यात्राओं का संचालन किया गया था, जिससे कुमाऊं और गढ़वाल के कई गंतव्यों को श्रद्धालुओं से जोड़ा गया था।
सरकार का लक्ष्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देकर न केवल इन स्थलों की आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करना है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक एकता को भी सुदृढ़ करना है।