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3 जून 2025 का पंचांग: मासिक दुर्गाष्टमी पर करें पितरों को नमन, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में शुभ है श्रृंगार और पूजन
Dharm Desk

आज ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी पर मां दुर्गा का विशेष प्रभाव माना गया है। यह दिन पितृ तर्पण के लिए अनुकूल, लेकिन नए कार्यों के लिए वर्जित है।
आज मंगलवार, 3 जून 2025 को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। यह दिन मासिक दुर्गाष्टमी के रूप में मनाया जाता है, जो देवी दुर्गा को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि पर पितृ तर्पण करना विशेष फलदायक होता है। हालाँकि, यह तिथि अधिकतर शुभ कार्यों जैसे विवाह, मुहूर्त या नए व्यापार की शुरुआत के लिए वर्जित मानी गई है।
आज का पंचांग विवरण
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विक्रम संवत: 2081
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हिंदू महीना: ज्येष्ठ
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पक्ष: शुक्ल
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तिथि: अष्टमी
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दिन: मंगलवार
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योग: हर्षण
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नक्षत्र: पूर्वाफाल्गुनी
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करण: विष्टि
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चंद्र राशि: सिंह
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सूर्य राशि: वृषभ
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सूर्योदय: सुबह 05:53 बजे
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सूर्यास्त: शाम 07:21 बजे
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चंद्रोदय: दोपहर 12:22 बजे
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चंद्रास्त: रात 01:07 बजे (4 जून)
अशुभ समय से बचें
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राहुकाल: दोपहर 15:59 से 17:40 तक
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यमगंड काल: सुबह 10:56 से 12:37 तक
इन समयों में कोई भी नया कार्य, यात्रा या सौदे से बचने की सलाह दी जाती है।
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र: सौंदर्य, शांति और भक्ति का प्रतीक
आज चंद्रमा सिंह राशि में और नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी में संचार करेगा। यह नक्षत्र शुक्र ग्रह के प्रभाव में आता है और इसके देवता भगवान शिव हैं।
इस नक्षत्र में आप कर सकते हैं:
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नए वस्त्र और आभूषण धारण
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सौंदर्य व श्रृंगार संबंधित वस्तुओं की खरीदारी
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देवी दुर्गा एवं भगवान शिव की विशेष आराधना
मासिक दुर्गाष्टमी पर पितृ पूजन का महत्व
इस दिन देवी दुर्गा की पूजा के साथ पितरों को जल अर्पण, तर्पण या श्रद्धा भाव से स्मरण करने से जीवन की कई बाधाएं दूर होती हैं। परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और मानसिक संतुलन प्राप्त होता है।
सुझाव:
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मां दुर्गा को लाल पुष्प और गुड़ का भोग लगाएं।
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पितरों के नाम से जल में तिल डालकर अर्पण करें।
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शाम को दीपक जलाकर घर के ईशान कोण में प्रार्थना करें।