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शुक्रवार के उपाय: माता लक्ष्मी की पूजा से धन, सौभाग्य और मानसिक शांति का विशेष लाभ
Dharm
शुक्रवार को लक्ष्मी पूजा और व्रत करने से कुंडली में शुक्र मजबूत होता है और जीवन में आर्थिक स्थिरता आती है।
हिंदू धर्म में शुक्रवार को माता लक्ष्मी का दिन माना जाता है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति भाव से की जाने वाली पूजा न केवल धन लाभ सुनिश्चित करती है, बल्कि जीवन में स्थिरता और मानसिक शांति भी लाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्रवार की उपासना से कुंडली में शुक्र ग्रह सुदृढ़ होता है, जो सुख, सौंदर्य, प्रेम, कला और विलासिता का कारक माना जाता है।
कौन और क्या:
विशेषज्ञों के अनुसार, शुक्रवार के दिन व्रत और पूजा करने से साधक के जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है। माता लक्ष्मी की आराधना करने वाले व्यक्ति की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
कब और कहाँ:
हर शुक्रवार, विशेष रूप से शाम के समय, भक्त अपने घरों में या मंदिरों में माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस दिन पूजा विधि के अनुसार 21 कौड़ी, दूध, दही और सफेद वस्तुएं अर्पित करना शुभ माना जाता है।
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क्यों महत्वपूर्ण है:
ज्योतिषीय दृष्टि से शुक्र ग्रह को सुख-सौंदर्य, प्रेम और आर्थिक लाभ का कारक माना जाता है। इस दिन की गई पूजा और व्रत से कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत होती है, जिससे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति सुधारती है और जीवन में संतुलन आता है। साथ ही, घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और धन-संपत्ति के अवसर बढ़ते हैं।
कैसे करें पूजा:
शास्त्रों में बताया गया है कि शुक्रवार को गुलाबी वस्त्र पहनकर माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान गाय को घी और गुड़ लगी रोटी खिलाना, काली चींटियों को चीनी देना और सफेद वस्तुओं का दान करना शुभ होता है। इसके साथ ही लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से मनोकामनाओं की सिद्धि होती है और मानसिक शांति मिलती है।
हिंदू धार्मिक मान्यताओं में शुक्रवार को विशेष स्थान प्राप्त है। यह दिन न केवल आर्थिक समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक लाभ भी प्रदान करता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि पूजा और दान के माध्यम से घर में सकारात्मक वातावरण बनता है और जीवन में स्थिरता आती है।
