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सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत कल, जानें शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व
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श्रावण मास में भगवान शिव के साथ माता पार्वती की आराधना का विशेष महत्व होता है। हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है।
यह व्रत खासकर सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, सुखी दांपत्य जीवन और अखंड सौभाग्य के लिए करती हैं। इस बार सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत 22 जुलाई 2025, मंगलवार को पड़ेगा।
व्रत का शुभ मुहूर्त
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ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:14 से 04:56 बजे तक (स्नान और संकल्प के लिए श्रेष्ठ)
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अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:55 बजे तक
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विजय मुहूर्त: दोपहर 02:44 से 03:39 बजे तक
मंगला गौरी व्रत का महत्व
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इस दिन माता पार्वती की विशेष पूजा होती है।
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यह व्रत सौभाग्य, सुख-शांति और पति के उत्तम स्वास्थ्य के लिए रखा जाता है।
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अविवाहित कन्याएं भी यह व्रत रख सकती हैं, जिससे विवाह संबंधी अड़चनें दूर होती हैं।
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मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत रखने से विवाह में आ रही रुकावटें समाप्त होती हैं।
पर्वों का विशेष संयोग
इस बार मंगला गौरी व्रत के दिन और भी कई धार्मिक संयोग बन रहे हैं:
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कामिका एकादशी व्रत का पारण भी इसी दिन होगा।
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भौम प्रदोष व्रत (मंगलवार को पड़ने वाला प्रदोष) भी 22 जुलाई को है।
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हनुमान जी का दिन मंगलवार होने के कारण यह व्रत और अधिक फलदायी माना जा रहा है।
कैसे करें पूजा
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प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
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माता गौरी की मूर्ति या चित्र को स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें।
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रोली, हल्दी, अक्षत, फूल, दीप और नैवेद्य से माता की पूजा करें।
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शिव-पार्वती के विवाह का स्मरण करते हुए मंगलगीत या व्रत कथा सुनें।
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शाम को आरती कर व्रत को पूर्ण करें।